

The Mandla administration has banned private borewell drilling until July 31, 2025, due to the water crisis.
Ban on Borewell Digging in Mandla, Violation May Lead to Jail or Fine!
The Mandla administration has imposed a ban on private borewell drilling until July 31, 2025, due to the water crisis. Unauthorized borewell digging will result in legal action. Violators may face up to two years in jail or a fine of ₹2,000. This order will be effective from March 4, 2025.
Special Correspondent, Bhopal, MP Samwad.
मंडला: कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्री सोमेश मिश्रा ने ग्रीष्मकाल में संभावित पेयजल संकट को ध्यान में रखते हुए जिले में नए निजी नलकूपों के खनन पर 31 जुलाई 2025 तक प्रतिबंध लगा दिया है।
पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 एवं संशोधन अधिनियम 2002 की धारा-3 के तहत मंडला जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों को जल-अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित किया गया है। जिले में भू-जल स्तर में निरंतर गिरावट को ध्यान में रखते हुए अधिनियम की धारा-6(1) के तहत अशासकीय एवं निजी नलकूप खनन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है।
बिना अनुमति नलकूप खनन करने पर होगी कार्रवाई
मंडला जिले में नलकूप/बोरिंग मशीनें संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) की अनुमति के बिना प्रवेश नहीं कर सकतीं (सार्वजनिक सड़कों से गुजरने वाली मशीनों को छोड़कर)। बिना अनुमति कोई नया नलकूप खनन किया गया तो कार्रवाई होगी।
राजस्व एवं पुलिस अधिकारियों को यह अधिकार दिया गया है कि अगर कोई मशीन अवैध रूप से प्रतिबंधित स्थानों पर प्रवेश करती है या नलकूप खनन का प्रयास करती है, तो उसे जब्त कर एफ.आई.आर. दर्ज कराई जाएगी।
विशेष मामलों में मिलेगी अनुमति
अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को आवश्यक मामलों में उचित जांच के बाद अनुमति देने के लिए अधिकृत किया गया है।
उल्लंघन पर होगी सजा
अगर कोई इस आदेश का उल्लंघन करता है, तो अधिनियम की धारा-9 के तहत दो वर्ष तक की कैद या दो हजार रुपये तक का जुर्माना या दोनों दंड दिए जा सकते हैं।
किन मामलों में लागू नहीं होगा प्रतिबंध?
यह आदेश शासकीय योजनाओं के तहत किए जाने वाले नलकूप उत्खनन पर लागू नहीं होगा। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा योजना के तहत नलकूप खनन किया जा सकेगा, जिसके लिए अनुमति आवश्यक नहीं होगी।
निजी जल स्रोतों का अधिग्रहण संभव
आवश्यकता पड़ने पर निजी नलकूप एवं अन्य निजी जल स्रोतों को सार्वजनिक पेयजल व्यवस्था के लिए अधिनियम की धारा-4 के तहत अधिग्रहित किया जा सकता है।
यह आदेश 4 मार्च 2025 से प्रभावी होगा और 31 जुलाई 2025 तक लागू रहेगा।