

सरकारी अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था लचर, मरीजों को हो रही परेशानी
Game on Hospital Security! Guards Missing, Authorities Keep Ignoring.
Special Correspondent , Narsinghpur, MP Samwad.
गाडरवारा। नरसिंहपुर जिले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) कार्यालय द्वारा जिले के सरकारी अस्पतालों की सुरक्षा का जिम्मा भोपाल की राज सिक्योरिटी कंपनी को सौंपा गया है। हालांकि, इस कंपनी पर गंभीर अनियमितताओं के आरोप लग रहे हैं। बताया जा रहा है कि कंपनी ने अस्पतालों में पहले से कार्यरत सफेदपोश नेताओं, डॉक्टरों के करीबी और उनके चाहने वालों को प्राथमिकता देकर नियुक्तियां की हैं, जिससे अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से प्रभावित हो रही है।
अस्पतालों में नहीं दिखते सुरक्षाकर्मी
गाडरवारा सिविल अस्पताल का हालिया मामला इसका उदाहरण है, जहां कंपनी द्वारा 08 सुरक्षाकर्मी तैनात करने का दावा किया गया है, लेकिन अस्पताल परिसर में सिर्फ 1 पुरुष और 2 महिला कर्मचारी ही दिखाई देते हैं। शेष 05 सुरक्षाकर्मी ड्यूटी से नदारद रहते हैं। अस्पताल में हर दिन सैकड़ों मरीज इलाज के लिए आते हैं, लेकिन सुरक्षा के अभाव में मरीजों और स्टाफ को असुरक्षा का सामना करना पड़ रहा है।
इस संबंध में कई बार सिविल अस्पताल प्रभारी गाडरवारा को सूचना दी गई, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इससे फर्जी दस्तावेजों पर तैनात कर्मचारियों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं और अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था लगातार बदहाल होती जा रही है।
क्या कहते हैं अधिकारी?
डॉ. डी.पी. पंथी कोरी, प्रभारी, सिविल अस्पताल गाडरवारा
“अभी मीटिंग के सिलसिले में साईंखेड़ा आया हुआ हूं। पहले भी इस संबंध में जानकारी मिली थी। कल इस पर चर्चा करेंगे और सभी सुरक्षाकर्मियों से बात की जाएगी। यदि लापरवाही या अनियमितता पाई जाती है तो संबंधित कर्मचारी और कंपनी के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।”


एस.एस. ठाकुर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, नरसिंहपुर
“आपके माध्यम से सुरक्षाकर्मियों की अनियमितताओं की शिकायत मिली है। 3 फरवरी 2025 को कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक होगी और 4 फरवरी 2025 को सिविल अस्पताल गाडरवारा का निरीक्षण किया जाएगा। मैंने हाल ही में पदभार संभाला है, इसलिए अभी तक भ्रमण नहीं कर पाया हूं। यदि सुधार नहीं होता है, तो कंपनी को नोटिस जारी कर कार्रवाई की जाएगी।”