

Betul: Victims of tractor accident protest for promised government compensation after 5 months of delay.
Government Compensation Turned Deception? Victims Still Empty-Handed 5 Months After the Accident.
Special Correspondent, Betul, MP Samwad.
Five months after a tragic tractor accident in Betul, injured laborers still await full government compensation. Despite official announcements, many victims haven’t received promised aid. Frustrated and helpless, they approached the Collector through a tribal welfare group, demanding justice and immediate relief. Is this governance or neglect?
MP बैतूल। पांच महीने पहले रानीपुर रोड स्थित बंजारी माई के पास हुए दर्दनाक ट्रैक्टर हादसे के पीड़ित आज भी आर्थिक सहायता के लिए भटक रहे हैं। हादसे में घायल हुए 14 मजदूरों में से कुछ को आंशिक सहायता राशि मिली है, जबकि कई को अब तक एक रुपया भी नहीं मिला।
शुक्रवार को सभी घायलों ने युवा आदिवासी विकास संगठन के जिला अध्यक्ष जितेंद्र सिंह इवने के नेतृत्व में बैतूल कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी से मुलाकात कर अपनी आपबीती सुनाई।
यह हादसा तब हुआ था जब कन्याकुमारी में मजदूरी कर लौट रहे मजदूर ट्रैक्टर-ट्रॉली से अपने गांव जा रहे थे। रानीपुर रोड पर बंजारी माई मंदिर के आगे हाईवे पर रेलिंग से टकराकर ट्रैक्टर ट्रॉली पलट गई थी। इस भीषण हादसे में तीन मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई थी और 14 लोग घायल हुए थे।
मृतकों में घोड़ाडोंगरी ब्लॉक के डुलारा गांव निवासी मेहताब सिंह उइके (पिता रामदयाल सिंह उइके), बाकुड़ निवासी काशीराम उइके (पिता सोमारू उइके) और सोनू उइके (पिता रमेश उइके) शामिल थे।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शोक व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये तथा घायलों को 50-50 हजार रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की थी। लेकिन यह घोषणा अब तक सिर्फ कागजों तक ही सीमित रही।
पीड़ितों की लड़ाई लड़ रहे संगठन ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन सौंपा और सहायता दिलाने की मांग की। कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी ने टीएल बैठक में इस मामले को प्राथमिकता से उठाकर जांच करवाने और सहायता राशि दिलवाने का आश्वासन दिया है।