फर्जी फाइलों से करोड़ों की हेराफेरी, नगर पालिका में बड़ा भ्रष्टाचार उजागर.


Millions Embezzled Through Fake Files, Major Corruption Exposed in Municipal Council.
Special Correspondent, Shivpuri, MP Samwad.
A massive corruption scandal has surfaced in Shivpuri Municipal Council. Over ₹57 crore was embezzled through fake files and irregular payments. The current CMO and two former CMOs have been suspended. Allegations also target Council President Gayatri Sharma. Investigations reveal fake approvals, incomplete works, and large-scale financial mismanagement.
MP संवाद, शिवपुरी नगर पालिका में लगातार सामने आ रहे खुलासों और राजनीतिक विवादों के बीच अब सबसे बड़ा घोटाला उजागर हुआ है। इस मामले में वर्तमान सीएमओ इशांत धाकड़ सहित पूर्व सीएमओ केशव सगर और शैलेश स्वास्थ्य को निलंबित कर दिया गया है। तीनों पर जांच बैठाई गई है। वहीं नगर पालिका अध्यक्ष गायत्री शर्मा पर भी कार्रवाई की तलवार लटक रही है।
जांच में सामने आया है कि पिछले तीन वर्षों में अलग-अलग सीएमओ ने फाइलों में हेरफेर कर 57 करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला किया। यह मामला तब खुला जब 18 पार्षदों ने अध्यक्ष पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए सामूहिक इस्तीफा दे दिया।
नगरीय प्रशासन विभाग भोपाल के कमिश्नर संकेत भौंडवे ने तीनों सीएमओ के खिलाफ जांच का आदेश दिया है। वहीं, जिला कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी की रिपोर्ट में नगर पालिका अध्यक्ष को भी दोषी ठहराया गया है।
57 करोड़ का खेल: फाइलों में हेरफेर से खुला राज़
जांच में पाया गया कि 2022 से अब तक 743 कार्य स्वीकृत किए गए थे, जिनकी लागत लगभग 54.80 करोड़ रुपये थी। इनमें कई कार्य अधूरे रहे या शुरू ही नहीं हुए। इसके बावजूद भारी-भरकम भुगतान कर दिए गए।
भुगतान में गड़बड़ी: कुछ ठेकेदारों को मिली प्राथमिकता
जांच रिपोर्ट बताती है कि कुछ ठेकेदारों को एक-दो माह में भुगतान कर दिया गया, जबकि अन्य महीनों से नगर पालिका कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं। परिषद और पीआईसी की बैठकों में वित्तीय स्थिति को पूरी तरह नजरअंदाज किया गया।
अध्यक्ष पर शक: घर से संचालित हुईं फाइलें
रिपोर्ट में सामने आया कि कई फाइलें नगर पालिका कार्यालय की बजाय अध्यक्ष के घर से चलाई गईं। भुगतान की अनुमति भी अध्यक्ष द्वारा दी गई, जिससे उन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं।
18 पार्षदों का इस्तीफा: भाजपा-कांग्रेस का साझा मोर्चा
नगर पालिका अध्यक्ष के खिलाफ 18 पार्षदों ने सामूहिक इस्तीफा दिया, जिनमें 12 भाजपा, 4 कांग्रेस और 2 निर्दलीय शामिल हैं। पार्षदों ने आरोप लगाया कि अध्यक्ष ने फर्जी भुगतान कर भ्रष्टाचार किया।
पहले भी हो चुकी कार्रवाई: इंजीनियर और ठेकेदार फंसे
इससे पहले भी फर्जी भुगतान मामले में नगर पालिका के दो इंजीनियरों और एक ठेकेदार के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया जा चुका है। अब इस घोटाले ने नगर पालिका की साख को गहरी चोट पहुंचाई है।