टिफिन से स्कूल, फाइलों में दावत – मिड-डे मील योजना में बड़ा खेल.


Tiffin to School, Feast on Papers – Big Scam in Mid-Day Meal Scheme.
Special Correspondent, Shivpuri, MP Samwad.
A major scam surfaced in Shivpuri’s PM Shri School. Though records show 350 students eating mid-day meals daily, only 15–20 tribal children actually eat. Most bring tiffins, while payments for hundreds continue. The principal raised complaints, but no action taken yet. Officials promise strict investigation and accountability.
MP संवाद, शिवपुरी। जिले के बारा गांव स्थित पीएम श्री एकीकृत विद्यालय में मिड-डे मील से जुड़ा बड़ा घोटाला सामने आया है। स्कूल में आदिवासी महिलाएं मिड-डे मील पकाती हैं, लेकिन अधिकांश बच्चे उनका बना खाना खाने से इनकार कर देते हैं। सरकारी रिकॉर्ड में 350 बच्चों को प्रतिदिन भोजन कराने का दावा किया जाता है, जबकि सच्चाई केवल 15–20 बच्चों तक सीमित है।
बच्चे टिफिन लेकर आते, फाइलों में खाते 350
विद्यालय में 350 से अधिक बच्चे पंजीकृत हैं, लेकिन हकीकत यह है कि केवल 15–20 आदिवासी बच्चे ही मिड-डे मील खाते हैं। बाकी बच्चे टिफिन लेकर स्कूल आते हैं। इसके बावजूद सरकारी दस्तावेज़ों में हर दिन 350 बच्चों को भोजन कराने का रिकॉर्ड दर्ज होता है और भुगतान भी किया जाता है।
भ्रष्टाचार की पोल खोले प्राचार्य
विद्यालय के प्राचार्य ने खुद इस भ्रष्टाचार की शिकायत प्रशासन को दी थी। उनका कहना है कि जिन महिलाओं को भोजन पकाने की ज़िम्मेदारी दी गई है, वे अक्सर स्कूल आती ही नहीं। इसके बावजूद स्व सहायता समूह को हर महीने 350 बच्चों का मिड-डे मील सप्लाई का भुगतान हो रहा है।
रिकॉर्ड और हकीकत में बड़ा अंतर
सरकारी रिकॉर्ड में जनवरी से जुलाई तक प्रतिदिन 150 बच्चों को मिड-डे मील कराने का भुगतान किया गया है। लेकिन हकीकत यह है कि इतने बच्चे भोजन करते ही नहीं। यानी, कागज़ों में चल रहा यह खेल मिड-डे मील योजना में करोड़ों की हेराफेरी का सबूत है।
जांच का आश्वासन, कार्रवाई का इंतज़ार जिला पंचायत सीईओ हिमांशु जैन ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है और जांच कराई जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि बच्चे भोजन नहीं कर रहे हैं और फिर भी भुगतान हो रहा है तो दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी।