

Ignored RTI Application Sparks Public Outrage in Betul
In Betul, Right to Information Turns into a Joke: No Answers, No Accountability!
Dr Zakir Shaikh, Special Correspondent, Betul, MP Samwad.
बेतुल जिले में सूचना के अधिकार कानून का खुला उल्लंघन सामने आया है। न जानकारी दी गई, न जवाबदेही तय की गई। आरटीआई आवेदक महीनों से संघर्ष कर रहा है, लेकिन प्रशासनिक उदासीनता और जवाबदेही की कमी जनता में आक्रोश बढ़ा रही है।
RTI law in Betul faces blatant neglect—no replies, no accountability. The applicant’s months-long struggle exposes administrative indifference, triggering public anger and questions on governance transparency.
बैतूल। सूचना के अधिकार (RTI) अधिनियम के तहत मांगी गई जानकारी न मिलने से बैतूल के नागरिकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं में गुस्सा है। आम आदमी पार्टी के नेता व प्रेस मीडिया पत्रकार कल्याण संघ के नर्मदापुरम संभागीय अध्यक्ष शिबू विश्वकर्मा ने जिला प्रशासन पर जानबूझकर जानकारी छिपाने का आरोप लगाया है।
क्या था मामला?
शिबू विश्वकर्मा ने 24 मार्च को एक RTI आवेदन दाखिल कर बैतूल की पुरानी जेल की भूमि की बिक्री, नीलामी प्रक्रिया और संबंधित दस्तावेजों की मांग की थी। लेकिन जिला जेल प्रशासन ने इसके बजाय नई जेल निर्माण की जानकारी भेज दी, जो मामले से असंबंधित थी।
प्रतिक्रियाएं:
- शिबू विश्वकर्मा ने कहा – “यह प्रशासन की गंभीर लापरवाही है। अगर अधिकारी RTI को ही गंभीरता से नहीं लेंगे, तो पारदर्शिता कैसे आएगी?”
- स्थानीय नागरिक संगठनों ने धरना देकर मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की है।
- जिला प्रशासन ने अभी तक कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया है।
आगे की कार्रवाई:
विश्वकर्मा ने बताया कि वे राज्य सूचना आयोग में शिकायत दर्ज कराएंगे और पुलिस आयुक्त से मिलकर इस मामले में कार्रवाई की मांग करेंगे।