सागर हादसा: एनएचआरसी ने कलेक्टर-एसपी की लापरवाही पर उठाए सवाल.


Sagar Incident: NHRC Raises Questions on Negligence of Collector and SP.
Special Correspondent, Sagar, MP Samwad.
The National Human Rights Commission has pulled up Sagar Collector Sandeep GR and SP for negligence in the illegal crusher accident that injured 14-year-old Manas Shukla. Despite severe injuries and evidence, no FIR was filed for months. NHRC seeks ₹10 lakh compensation and accountability against officials and crusher owner.
MP संवाद, सागर। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने बरदा गाँव में अवैध क्रशर से जुड़े हादसे में प्रशासन और पुलिस की गंभीर लापरवाही उजागर की है। 1 जनवरी 2025 को खुले हाई-टेंशन तार की चपेट में आने से 14 वर्षीय मानस शुक्ला गंभीर रूप से झुलस गया और बाद में उसका एक हाथ काटना पड़ा। डॉक्टरों द्वारा पुलिस को सूचना देने के बावजूद एफआईआर तक दर्ज नहीं की गई।
पूर्व मंत्री के भतीजे पर आरोप, परिवार को धमकियाँ
यह क्रशर पूर्व मंत्री एवं वर्तमान विधायक भूपेंद्र सिंह के भतीजे लाखन सिंह ठाकुर का बताया गया। पीड़ित परिवार का आरोप है कि बिजली लाइन अवैध खनन के लिए डाली गई थी। शिकायत करने पर परिवार को धमकाया गया और कहा गया कि ज्यादा आवाज उठाने पर उन पर ही एफआईआर दर्ज कर दी जाएगी।
आयोग ने स्पष्ट किया कि पुलिस और प्रशासन ने पाँच महीने तक एफआईआर दर्ज करने में देरी की। आयोग ने पूछा है – सरकार बताए कि इतने गंभीर मामले में कार्रवाई क्यों नहीं हुई और पीड़ित परिवार को ₹10 लाख मुआवज़ा क्यों न दिया जाए।
कलेक्टर और एसपी पर गिरी गाज, एफआईआर दर्ज करने के निर्देश
मानवाधिकार आयोग ने इस मामले को सत्ता का दुरुपयोग और जनता के विश्वासघात करार दिया। आयोग ने कहा कि कलेक्टर और एसपी का यह तर्क अस्वीकार्य है कि शिकायत प्रस्तुत नहीं की गई। आयोग ने मध्य प्रदेश सरकार से 23 अगस्त तक जवाब मांगा है, अन्यथा कार्रवाई की चेतावनी दी है।
डीजीपी को तुरंत एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही आयोग ने सवाल उठाया कि क्रशर मालिक के खिलाफ अब तक कोई दंडात्मक कार्रवाई क्यों नहीं हुई। आयोग ने संकेत दिया है कि सागर कलेक्टर के खिलाफ डीओपीटी और केंद्र सरकार से कार्रवाई की सिफारिश की जा सकती है।