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मैहर में धान खरीदी में बड़ा खेल! 4200 क्विंटल गायब, FIR दर्ज.

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मैहर में बड़ा धान घोटाला! 4203.60 क्विंटल धान गायब, प्रशासन ने की कार्रवाई। समिति प्रबंधक व ऑपरेटर के खिलाफ एफआईआर दर्ज।

मैहर जिले में धान घोटाला, 4203 क्विंटल धान गायब, जांच जारी

मैहर में 4203.60 क्विंटल धान घोटाले का पर्दाफाश, FIR दर्ज

Big scam in paddy procurement in Maihar! 4200 quintals missing, FIR registered.

Source: NDTV MPCG.

मैहर जिले में धान उपार्जन में हुए व्यापक फर्जीवाड़े के मामले में समिति प्रबंधक, बिचौलिया और ऑपरेटर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश जारी किया गया है। यह आदेश जिला प्रबंधक नान ने केंद्र प्रभारी को जारी किया है। आदेश के अनुसार, समिति प्रबंधक जरौहा, खरीदी प्रभारी संजीव तिवारी और ऑपरेटर अनिल कुमार दहायत के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा।

घोटाले का खुलासा और जांच

समर्थन मूल्य पर खरीदी गई 4203.60 क्विंटल धान गायब हो गई है। इस खबर के प्रकाशित होने के बाद अधिकारियों ने जांच शुरू की, जिसमें इस धान की शॉर्टेज प्रमाणित की गई। अब इस मामले में समिति प्रबंधक, बिचौलिया और ऑपरेटर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया गया है।

4200 क्विंटल धान कैसे हुई गायब?

खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में सेवा सहकारी समिति जरौहा मनकीसर को धान उपार्जन की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। 23 जनवरी को जिले में धान उपार्जन कार्य समाप्त हो गया था, लेकिन इसके बाद भी समिति पर परिवहन के लिए धान शेष थी। लगातार मिल रही शिकायतों के आधार पर जब जांच कराई गई तो कुल 4203.60 क्विंटल धान की शॉर्टेज पाई गई। इसके बाद जिला प्रबंधक एमपीडब्ल्यूएलसी मैहर और सहायक आपूर्ति अधिकारी अमरपाटन ने संयुक्त रूप से समिति का भौतिक सत्यापन किया।

निरीक्षण के दौरान बिखरी हुई थीं धान की बोरियां

पोर्टल के अनुसार, समिति द्वारा कुल 45,168 क्विंटल धान की खरीदी की गई थी, जिसमें से 36,474.6 क्विंटल धान का परिवहन हो चुका था। यानी, समिति के पास 8,693.4 क्विंटल धान होनी चाहिए थी। लेकिन भौतिक सत्यापन में केवल 3,000 से 4,000 क्विंटल धान की अनुमानित मात्रा पाई गई। जांच में यह भी पाया गया कि धान की बोरियां अस्त-व्यस्त तरीके से बिखरी हुई थीं, जिससे सटीक गिनती कर पाना संभव नहीं था।

जांच के दौरान केवल ऑपरेटर मिला

भौतिक सत्यापन के समय समिति प्रबंधक दीपेंद्र सिंह और खरीदी प्रभारी संजीव तिवारी अनुपस्थित थे। केवल ऑपरेटर मौजूद था, जो शॉर्टेज के संबंध में कोई संतोषजनक जवाब या दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सका। ऑपरेटर ने अधिकारियों को बताया कि समिति प्रबंधक दीपेंद्र सिंह को दिल का दौरा पड़ा है और वे भोपाल के अस्पताल में भर्ती हैं

क्या हुआ था फर्जीवाड़ा?

जांच से यह स्पष्ट हुआ कि समिति पर 4,200 क्विंटल से अधिक धान की शॉर्टेज है, जो या तो फर्जी खरीदी थी या धान को खुर्द-बुर्द किया गया। ब्रांच मैनेजर की रिपोर्ट के आधार पर समिति प्रबंधक, खरीदी प्रभारी संजीव तिवारी और ऑपरेटर अनिल कुमार दहायत के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश जारी कर दिया गया है।

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