कटनी का इतिहास, सौंदर्य और इंजीनियरिंग का संगम – ऊमरडोली डैम.


Katni’s Heritage, Beauty, and Engineering Confluence – UmarDoli Dam.
Harishankar Parashar, Special Correspondent, Katni, MP Samwad.
UmarDoli Dam in Katni, a century-old marvel, blends historic engineering brilliance with natural beauty. Recognized for its unique arch design, the dam attracts tourists and adventure enthusiasts, while efforts continue to preserve it as a heritage water structure, enhancing Katni’s cultural and tourism significance.
MP संवाद, कटनी, मध्यप्रदेश: कटनी जिले में स्थित ऊमरडोली आर्च डैम न केवल एक शताब्दी पुरानी जल संरचना है, बल्कि यह बेजोड़ इंजीनियरिंग और प्राकृतिक सौंदर्य का अद्वितीय मेल भी है। मध्यप्रदेश जल संसाधन विभाग द्वारा प्रस्तुत इस 100 वर्ष पुराने डैम की महत्ता #हमारा_कटनी अभियान के तहत पर्यटकों और स्थानीय लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है।
रीठी तहसील के बकलेहटा और चरगवां गांव के बीच दो पहाड़ों को जोड़कर बनाया गया यह डैम बोरीना जलाशय का हिस्सा है, जिसका निर्माण कार्य वर्ष 1914 में शुरू हुआ था। पत्थरों को काटकर तराशकर इस डैम को पूरा करने में 10 वर्ष लगे। 1520 फीट लंबा और 74 फीट ऊंचा यह जलाशय मध्यप्रदेश का इकलौता आर्च डैम है, जो अपनी अनूठी संरचना और इंजीनियरिंग के लिए प्रसिद्ध है।
ऊमरडोली डैम का प्राकृतिक सौंदर्य और शांतिपूर्ण वातावरण दूर-दूर से पर्यटकों को आकर्षित करता है। जंगलों से घिरा यह स्थल पिकनिक, ट्रेकिंग और साहसिक पर्यटन के लिए बेहद लोकप्रिय है। वन विभाग द्वारा यहां प्रतिवर्ष ट्रेकिंग का आयोजन किया जाता है, जो साहसिक प्रेमियों को लुभाता है।
इस डैम का कैचमेंट एरिया 14.4 वर्ग मील है, जो इसकी विशिष्टता को और बढ़ाता है। जल संसाधन विभाग और कटनी जिला प्रशासन इस ऐतिहासिक धरोहर को पर्यटन के मानचित्र पर प्रमुखता से स्थापित करने के लिए लगातार प्रयासरत हैं। इसे हेरिटेज वाटर स्ट्रक्चर के रूप में संरक्षित करने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं।
स्थानीय प्रशासन का मानना है कि बेहतर बुनियादी सुविधाओं के विकास से ऊमरडोली डैम और अधिक पर्यटकों के लिए आकर्षक बन सकता है। #हमारा_कटनी अभियान के माध्यम से इस डैम की सुंदरता और महत्व को न केवल स्थानीय लोग बल्कि पूरे देश के सामने प्रस्तुत करने का प्रयास किया जा रहा है। यह डैम कटनी की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान का प्रतीक है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा।