जर्जर स्कूल, डरी हुई ज़िंदगी! मोहनिया में शिक्षा मौत की छांव में.


Crumbling School, Frightened Lives! Education in Mohaniya Under the Shadow of Death.
Mohan Nayak, Special Correspondent, Katni, MP Samwad.
In Katni’s Mohaniya village, tribal children are forced to study under a crumbling roof. The government school building is in ruins, risking young lives daily. Despite repeated complaints, authorities remain silent. AAP exposed the condition, calling it a failure of the system and a threat to children’s basic right to education.
MP संवाद, कटनी। बहोरीबंद विकासखंड के आदिवासी टोला मोहनिया में स्थित सरकारी प्राथमिक स्कूल की हालत शिक्षा व्यवस्था की शर्मनाक तस्वीर पेश कर रही है। यह स्कूल भवन इतना जर्जर हो चुका है कि बच्चों को हर दिन जान जोखिम में डालकर पढ़ाई करनी पड़ रही है।
स्कूल की छत से प्लास्टर गिर चुका है, जगह-जगह लोहे की छड़ें बाहर निकल चुकी हैं और दीवारों में दरारें हैं। किसी भी वक्त बड़ा हादसा हो सकता है। बारिश के दिनों में हालात और भी खतरनाक हो जाते हैं। वर्तमान में स्कूल की कक्षाएं एक कच्चे, कमजोर मकान की परछी में संचालित की जा रही हैं।
मुख्य समस्याएं:
- छत पूरी तरह जर्जर, छड़ें बाहर
- दीवारों में गहरी दरारें
- मलबा गिरना रोज़मर्रा की बात
- बारिश में खतरा और बढ़ जाता है
- बच्चों के जीवन पर गंभीर संकट मंडरा रहा है
ग्रामीणों का आरोप:
ग्रामीणों का कहना है कि इस खतरनाक स्थिति की जानकारी कई बार शासन-प्रशासन को दी गई, लेकिन न कोई निरीक्षण हुआ, न ही कोई सुधार कार्य शुरू हुआ। जनप्रतिनिधियों ने केवल आश्वासन देकर पल्ला झाड़ लिया।
अब अभिभावक, समाजसेवी और जागरूक संगठन यह सवाल उठा रहे हैं —
“क्या आदिवासी बच्चों की जान की कोई कीमत नहीं?”
आप पार्टी का हस्तक्षेप:
इस गंभीर मामले को आम आदमी पार्टी ने अपने स्कूल विजिट अभियान के तहत उजागर किया है। पार्टी का कहना है —
“यह सिर्फ एक स्कूल नहीं, यह तंत्र की विफलता का प्रतीक है। शिक्षा हर बच्चे का अधिकार है — चाहे वह शहर में हो या किसी सुदूर आदिवासी टोले में। अब हम चुप नहीं बैठेंगे। जब तक हर बच्चे को सुरक्षित और सम्मानजनक शिक्षा नहीं मिलती, तब तक संघर्ष जारी रहेगा।”