मिलावट के सरगना बने खाद्य अधिकारी! कटनी में नमूनों की जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति.


Food Officer Turns Kingpin of Adulteration! In Katni, Sample Testing Reduced to Mere Formality.
Mohan Nayak, Special Correspondent, Katni, MP Samwad.
In Katni, food officials are accused of turning a blind eye to adulteration. Sample testing has become a formality, raising serious concerns over public health and administrative corruption. The officials responsible for ensuring food safety are now allegedly shielding those involved in adulteration instead of taking strict action.
कटनी में खाद्य अधिकारियों पर मिलावटखोरों को बचाने के गंभीर आरोप लगे हैं। नमूनों की जांच सिर्फ औपचारिकता बनकर रह गई है। इससे आम जनता की सेहत और प्रशासनिक निष्पक्षता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। जिन पर कार्रवाई की जिम्मेदारी थी, वही अब सरगना बनते नजर आ रहे हैं।
MP संवाद, कटनी। सरकारी फाइलों में “खाद्य सुरक्षा” के ढिंढोरा पीटने वाला खाद्य एवं औषधि विभाग असल में मिलावटखोरों का संरक्षक बना हुआ है। निरीक्षकों की मुखबिर नेटवर्क, नमूनों की फर्जी जांच और कार्यवाही के नाम पर खानापूर्ति ने जिले को जहरीले खाद्य पदार्थों का अड्डा बना दिया है।
📌 मिलावट का खेल: बिजनेस या जानलेवा अपराध?
- मिठाई/दूध/तेल में खुलेआम मिलावट, लेकिन नमूने लैब में “दफन”
- नकली नमकीन फैक्ट्रियां बड़ी कंपनियों के ब्रांड की कर रही नकल
- होटलों में नकली घी-दही का धड़ल्ले से इस्तेमाल
- माधवनगर में नकली मसाला फैक्ट्री पकड़ी गई, पर बाकी धंधा जारी
📢 अधिकारियों की फर्जीवाड़ा:
- एसडीएम प्रदीप मिश्रा: “टीम गठित कर कार्यवाही होगी” (लेकिन कब तक?)
- खाद्य अधिकारी देवकी सोनवानी: *”10-12 लाख जुर्माना लगाया”* (पर मिलावट रुकी नहीं!)
💀 जनता पर मंडराता खतरा:
- फूड पॉइजनिंग और पेट की बीमारियों का बढ़ता ग्राफ
- त्योहारी सीजन में मिलावटखोरों की महंगाई
- विभागीय अफसरों की कमीशनखोरी से जनस्वास्थ्य की बलि
☠️ सवाल विभाग के मुंह पर:
- “क्या निरीक्षकों का वेतन + सेटिंग का ‘मासिक बोनस’ चल रहा है?”
- “जांच रिपोर्ट क्यों दबाई जाती हैं?”
- “मिलावटखोरों के खिलाफ FIR क्यों नहीं?”