घोटाले में डूबी ‘जल जीवन मिशन’ की नाव! 141 इंजीनियरों पर कार्रवाई.


The ‘Jal Jeevan Mission’ Sinks in Scam! Action Taken Against 141 Engineers.
Special Correspondent, Bhopal, MP Samwad.
A ₹2800 crore scam under the Jal Jeevan Mission has surfaced in Madhya Pradesh. PHE officials inflated DPR costs. Notices were issued to 141 engineers. Minister Sampatiya Uike faces ₹1000 crore commission allegations. The case has reached the central government for investigation and fund scrutiny.
MP संवाद, भोपाल। 15 अगस्त 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से जल जीवन मिशन की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि हर घर को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए सरकार *साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च करेगी। लेकिन मध्यप्रदेश में यह महत्वाकांक्षी योजना भी अब भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती नजर आ रही है।
हर घर नल से जल पहुंचाने वाली इस योजना में बड़े पैमाने पर घोटाले के आरोप सामने आए हैं। अब यह खुलासा हुआ है कि जल जीवन मिशन के तहत लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (PHE) ने ही राज्य सरकार को करीब 2800 करोड़ रुपये का चूना लगाया है।
🚨 DPR में गड़बड़ी, 141 इंजीनियरों को नोटिस
PHE विभाग ने कई परियोजनाओं में छूटे हुए घरों में जल आपूर्ति के नाम पर DPR बदलकर लागत 50 से 265% तक बढ़ा दी। इसी कारण योजना में अनुमानित लागत से कहीं अधिक खर्च हुआ।
- मंत्री संपतिया उइके के गृह ज़िला मंडला में टेंडर दरें 117% तक बढ़ाईं गईं।
- वहीं उनके प्रभार वाले सिंगरौली जिले में 265% तक DPR बढ़ाई गई।
इसके चलते केंद्र सरकार ने संशोधित DPR पर फंड देने से इनकार कर दिया, जिससे 2800 करोड़ का अतिरिक्त बोझ राज्य सरकार पर आ गया।
🕵️♀️ अब खुद मंत्री पर जांच!हाल ही में पीएचई मंत्री संपतिया उइके पर 1000 करोड़ की कमीशनखोरी के आरोप लगे हैं। इस पर विभाग ने मंत्री के खिलाफ ही जांच बैठा दी है।प्रमुख अभियंता संजय अंधवान ने जांच के आदेश उस शिकायत के आधार पर दिए हैं जो सीधे प्रधानमंत्री को भेजी गई थी।केंद्र सरकार ने 30,000 करोड़ के खर्च की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।अब सवाल यह है कि –क्या इस महाघोटाले में सिर्फ इंजीनियरों की गलती है या फिर ऊपर से नीचे तक साजिश रची गई थी?

