AePDS पोर्टल में डिजिटल चोरी, लाखों किलो राशन गायब.


Digital Theft in AePDS Portal, Millions of Kilos of Ration Missing.
Special Correspondent, Jabalpur, MP Samwad.
A major ration scam in Jabalpur has exposed corruption in the public distribution system. Through AePDS portal manipulation, wheat, rice, sugar, and salt worth ₹2.20 crore vanished. FIRs were filed against 33 accused, including shop operators and officials, while protests mount demanding strict action against those guilty of digital theft.
MP संवाद, जबलपुर में गरीबों के हिस्से का राशन हड़पने वाले बड़े घोटाले पर आखिरकार प्रशासन ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। पुलिस ने महज दो दिन में ही 33 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया।
2022 में हुआ था करोड़ों का गबन
यह घोटाला अगस्त से अक्टूबर 2022 के बीच सामने आया। जांच में पाया गया कि जबलपुर की 11 उचित मूल्य की दुकानों से लाखों किलो गेहूं, चावल, शक्कर और नमक गायब कर दिया गया।
AePDS पोर्टल में डिजिटल हेराफेरी
सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि यह हेराफेरी सीधे नहीं बल्कि AePDS पोर्टल में डिजिटल छेड़छाड़ से की गई। पोर्टल पर राशन का स्टॉक अवैध तरीके से घटा दिया गया ताकि कोई रिकॉर्ड न बचे।
एनआईसी हैदराबाद से मिली तकनीकी रिपोर्ट के मुताबिक, यह काम संदिग्ध आईपी एड्रेस से हुआ, जो विभागीय नहीं बल्कि नगर निगम क्षेत्र से जुड़े पाए गए।
दुकानदार से लेकर अफसर तक आरोपी
एफआईआर में 11 दुकानों के संचालकों, अध्यक्षों, विक्रेताओं और सहायक विक्रेताओं को आरोपी बनाया गया है। इतना ही नहीं, खाद्य विभाग के तत्कालीन वरिष्ठ अधिकारी भी शक के घेरे में हैं।
इनमें जिला आपूर्ति नियंत्रक नुजहत बानो बकाई, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी भावना तिवारी, सुचिता दुबे और प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग यूनिट के अक्षय कुमार खरे शामिल हैं।
2.20 करोड़ का राशन गबन
जांच रिपोर्ट के मुताबिक, करीब ₹2,20,12,460 मूल्य का राशन गबन किया गया और बाद में रिकॉर्ड मिटाने के लिए पीओएस मशीन और पोर्टल में छेड़छाड़ की गई।
प्रशासनिक शिकंजा कसना शुरू
संयुक्त कलेक्टर ऋषभ जैन की शिकायत पर पुलिस ने आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता, आवश्यक वस्तु अधिनियम और मध्यप्रदेश पीडीएस नियंत्रण आदेश के तहत मामला दर्ज किया है।