पंजीयन विभाग में बड़ा फर्जीवाड़ा, अफसर-बिल्डर की चालबाज़ी से स्टांप ड्यूटी की चोरी.


Major Scam in Registration Department: Officers and Builders Collude to Evade Stamp Duty.
A ₹13.32 crore scam exposed in Indore, where builders and registry officials colluded to undervalue land registration. EOW investigation revealed forged documentation and misuse of township guidelines. FIR filed against senior officers and builders.
Special Correspondent, Indore, MP Samwad.
MP संवाद, इंदौर: शहर में पदस्थ वरिष्ठ पंजीयक और बिल्डरों की मिलीभगत से सरकार को 13 करोड़ 32 लाख रुपये का नुकसान पहुंचाया गया है। इस बड़े रजिस्ट्री घोटाले में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) की इंदौर शाखा को मिली शिकायत के बाद पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। आरोपियों में वरिष्ठ जिला पंजीयक सहित प्रमुख बिल्डर शामिल हैं।
📉 ऐसे हुआ घोटाला:
EOW को एक गुप्त शिकायत मिली थी, जिसमें आरोप था कि बिल्डरों और रजिस्ट्री विभाग के अफसरों ने जमीन की असली कीमत को घटाकर कम दर पर रजिस्ट्री कराई और भारी मात्रा में स्टांप ड्यूटी चोरी की गई। जांच में सामने आया कि जिस जमीन की रजिस्ट्री दर ₹50,800 प्रति वर्ग मीटर होनी थी, उसे ₹14,200 प्रति वर्ग मीटर में दर्ज किया गया।
💸 सरकार को 13 करोड़ से अधिक का नुकसान:
जमीन की कुल अनुमानित कीमत ₹18.50 करोड़ थी, लेकिन रजिस्ट्री केवल ₹5 करोड़ के करीब की गई, जिससे सरकार को ₹13.32 करोड़ के राजस्व की हानि हुई। इस साजिश में अफसरों ने DLF गार्डन सिटी टाउनशिप का नाम हटाकर इलाके को “मांगलिया रोड” दर्शा दिया ताकि रजिस्ट्री दरें कम की जा सकें।
👥 ये अधिकारी और बिल्डर हैं आरोपी:
- वरिष्ठ जिला पंजीयक – अमरेश नायडू
- उप पंजीयक – संजय सिंह
- बिल्डर/टाउनशिप डेवलपर – विवेक चुघ, कुमार जैन (सेवन हाइट्स), महेंद्र कुमार जैन
मामले की जांच EOW एसपी रामेश्वर सिंह यादव के निर्देशन में की गई, जिसमें स्पष्ट तौर पर पाया गया कि अफसरों और बिल्डरों की सांठगांठ से नियमों की अनदेखी कर रजिस्ट्री की गई।