नगर पालिका की छवि धूमिल, फर्जी आदेश कांड से मचा बवाल.


Municipality’s Image Tarnished, Uproar Erupts Over Forged Order Scandal.
Special Correspondent, Guna, MP Samwad.
A major scandal surfaced in Guna Municipality as employees issued a forged order using fake signatures of the acting CMO. The matter created uproar in an emergency council meeting. Two temporary employees were dismissed, five suspended, and an FIR lodged. Officials termed it a serious breach of trust.
MP संवाद, गुना नगर पालिका में बड़ा घोटाला सामने आया है। कुछ कर्मचारियों ने डिप्टी कलेक्टर एवं प्रभारी सीएमओ मंजूषा खत्री के कूटरचित हस्ताक्षर कर फर्जी आदेश जारी कर दिया। मामला उजागर होने पर 28 अगस्त को आपात बैठक बुलाई गई, जिसमें नगर पालिका अध्यक्ष सविता गुप्ता, परियोजना अधिकारी संजय श्रीवास्तव और सीएमओ सहित सभी अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।
पूछताछ में कर्मचारियों का कबूलनामा
बैठक के दौरान आदेश क्रमांक 2485/2025 दिनांक 26 अगस्त की जांच हुई। पता चला कि यह आदेश बिना सीएमओ की अनुमति के जारी हुआ था। पूछताछ में कर्मचारियों ने फर्जी हस्ताक्षर और आदेश जारी करने की गलती स्वीकार की। इसमें स्थापना लिपिक अनिल धौलपुरिया, भृत्य चंद्रेश सोनी, प्रभारी मेट महाराज सिंह, अस्थायी कर्मचारी करण मालवीय और अमन सोनी की भूमिका सामने आई।
तत्काल कार्रवाई – बर्खास्तगी और निलंबन
प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए 2 अस्थायी कर्मचारियों को तत्काल सेवा से हटाया और 5 कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया। डिप्टी कलेक्टर प्रभारी सीएमओ ने दोषियों पर एफआईआर के लिए कोतवाली थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई है।
अधिकारियों की सख्त चेतावनी
सीएमओ मंजूषा खत्री ने इसे गंभीर विश्वासघात करार दिया और कहा कि नए कर्मचारियों को अवसर देना अब धोखा साबित हुआ। वहीं, अध्यक्ष सविता गुप्ता ने नाराजगी जताते हुए कहा कि इस तरह की हरकत से परिषद की छवि धूमिल हुई है। उन्होंने चेतावनी दी कि दोषियों को कठोर दंड मिलेगा ताकि भविष्य में कोई कर्मचारी इस तरह का दुस्साहस न करे।