ओएसडी वन कुमार के खिलाफ जांच से संबंधित दस्तावेज नहीं दे रहे हैं डीएफओ छतरपुर

DFO Chhatarpur is not giving documents related to investigation against OSD Van Kumar

भोपाल। तत्कालीन छतरपुर डीएफओ एवं वर्तमान ओएसडी वन अनुराग कुमार के खिलाफ वायरबेड और चैनलिंक खरीदी सहित आधा दर्जन से अधिक शिकायतों से संबंधित जांच थम सी गई है। जांच अधिकारी सीएफ कार्य आयोजना अजय कुमार पाण्डेय छतरपुर और वन संरक्षक छतरपुर संजीव झा के बार-बार पत्र लिखने के बावजूद भी मौजूदा डीएफओ छतरपुर दस्तावेज उपलब्ध नहीं दे रहे हैं। कमोवेश ऐसी ही शिकायत लोकायुक्त एसपी सागर की भी है। इसके कारण अनुराग कुमार के विरुद्ध की गई शिकायतों की अब तक शुरू नहीं हो सकी है।
जांच अधिकारी एवं वन संरक्षक छतरपुर वर्किंग प्लान अजय कुमार पांडेय ने 27 मार्च को पत्र लिखकर तत्कालीन डीएफओ छतरपुर अनुराग कुमार के खिलाफ कोई विभिन्न शिकायतों से संबंधित दस्तावेज मांगे। पांडेय के पत्र के बाद वन संरक्षक छतरपुर संजीव झा ने अर्थशास्त्र की पत्र लिखकर जांच अधिकारी को समस्त दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए एक से अधिक पत्र लिख चुके हैं किंतु वर्तमान डीएफओ ने उन पत्रों का जवाब देना उचित नहीं समझा है। अनुराग कुमार के खिलाफ शिकायत करने वालों में सेवानिवृत्ति एसडीओ केबी गुप्ता, रुद्र प्रताप सिंह, कर्मचारी कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष मुनेंद्र सिंह परिहार समेत 8 लोगों ने शिकायत की है।


ये मांगे गए दस्तावेज

  • तत्कालीन छतरपुर डीपीओ अनुराग कुमार के खिलाफ जांच अधिकारी पांडेय द्वारा प्रमुख रूप से ये दस्तावेज मांगे हैं।
  • माह फरवरी 2021 से अगस्त 2022 तक छतरपुर में पदस्थ रहे इनकी पदस्थिति के दौरान किये गये स्थानांतरण आदेशों की सत्यापित प्रतियां।
  • चैनलिंग, बारवेड वायर, खंभा, सीसीटीव्ही, यूनीफार्म इत्यादि खरीदी गई सामाग्री से संबंधित समस्त सत्यापित प्रमाणक की प्रतियां।
  • छतरपुर की पदस्थिति अवधि में फेल पेमेन्टों से संबंधित प्रमाणकों की सत्यापित प्रतियां
  • तेंदूपत्ता सीजन वर्ष 2021 में कोविड संक्रमण की रोकथाम हेतु जिला यूनियन छतरपुर द्वारा सेनेटाईजर, मास्क, एवं अन्य स्वास्थ्य संबंधी सामग्री कय संबंधी समस्त सत्यापित प्रमाणकों की प्रतियां।
  • वनपरिक्षेत्र लवकुशनगर अन्तर्गत वनमण्डल छतरपुर द्वारा कुल कितनी आरामशीने स्वीकृत है स्वीकृत आरामशीनों की लाईसेंस की सत्यापित, आरामशीनों पर वनमण्डल छतरपुर अधिकारी लवकुशनगर द्वारा की गई कार्यवाही से संबंधित अभिलेखों की सत्यप्रतियां।


लोकायुक्त में मामला दर्ज


लोकायुक्त संगठन तत्कालीन छतरपुर डीएफओ एवं वर्तमान अवर सचिव वन अनुराग कुमार के खिलाफ वायरबेड और चैनलिंक खरीदी में अनियमित किए जाने पर प्रकरण पंजी दर्ज कर लिया है। जांच की जिम्मेदारी एसपी सागर लोकायुक्त को दी गई है। लोकायुक्त संगठन ने वन विभाग को पत्र लिखकर खरीदी से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराने के बार-बार निर्देश दिए जा रहे है किन्तु विभाग दस्तावेज उपलब्ध कराने में टालमटोल कर रहा है।


आईएफएस को बचाने एसडीओ को फंसाया


वन विभाग ने मंत्रालय में पदस्थ ओएसडी अनुराग कुमार को बचाने के लिए एसडीओ डॉ कल्पना तिवारी को बलि बकरा बना दिया। यही नहीं, विभाग के शीर्षस्थ अफसरों ने उसको आरोप पत्र जारी कर आईएफएस की दौड़ से बाहर कर दिया गया। मामला तब का है जब वे टीकमगढ़ के प्रभारी डीएफओ हुआ करते थे। चैन लिंक और वायरवेड की खरीदी में प्रमाणकों पर एसडीओ कल्पना तिवारी के हस्ताक्षर बिना डीएफओ अनुराग कुमार ने भुगतान कर दिया था। जब कुमार के खिलाफ गड़बड़ियों को लेकर शिकंजा कसा गया तब कुमार ने डिलीवरी चालान में हस्ताक्षर करने का आधार बनाकर डॉ कल्पना तिवारी को ही आरोपों के कठघरे में खड़ा कर दिया। जबकि प्रमाणक पर एसडीओ के हस्ताक्षर ही नहीं है।

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