वन विभाग की नाकामी – बाघ के हमले से एक और किसान की जान गई.


Failure of Forest Department – Another Farmer Killed in Tiger Attack.
Anand Tamrakar, Special Correspondent, Balaghat, MP Samwad.
A 61-year-old farmer in Katangi subdivision of Balaghat died after a tiger attack, marking the fifth such death in 8 months. Villagers live in fear as tigers increasingly enter residential areas. Despite repeated incidents, forest department’s inaction raises serious concerns about safety, monitoring, and preventive measures in rural Madhya Pradesh.
MP संवाद, बालाघाट जिले के कटंगी अनुविभाग के कन्हडगांव वनपरिक्षेत्र अंतर्गत आंबेझरी बीट में बाघ का आतंक जारी है। शनिवार शाम 61 वर्षीय किसान सेवकराम गोपाले पर बाघ ने खेत से घर लौटते समय हमला कर दिया। गंभीर रूप से घायल किसान को जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां देर रात इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
8 महीने में 5 मौतें
यह घटना बाघ के हमले से हुई 5वीं मौत है। महज 20 दिन पहले भी एक चरवाहा बाघ का शिकार हुआ था। लगातार हो रही घटनाओं से ग्रामीणों में दहशत है। शाम ढलते ही गांवों में लोग घरों में कैद हो जाते हैं।
जंगल छोड़ रिहायशी क्षेत्रों में दाखिल हो रहे बाघ
ग्रामीणों का कहना है कि बाघ अब जंगल में शिकार छोड़कर रिहायशी इलाकों और खेतों में आ रहे हैं। वे मवेशियों और इंसानों पर हमला कर रहे हैं। किसान का खेत जंगल से मात्र 150 मीटर की दूरी पर था, जहां यह हमला हुआ।
मुआवजा और सुरक्षा की मांग
वन विभाग ने मृतक के परिवारजनों को 8 लाख रुपये की राशि मुआवजे के तौर पर देने का आश्वासन दिया है।
यह उल्लेखनीय है की पिछले 6 महिने से इस इलाके में बाघ का मूवमेंट बना हुआ है सरपंच सुखदेव सलामे ने इसकी पुष्टि करते हुये अवगत कराया की बाघ के डर ग्रामीण शाम के बाद घर में ही कैद हो जाते है किसान का खेत जंगल से लगा हुआ लगभग 150 मीटर की दूर पर स्थित है जहां बाघ ने किसान पर हमला किया था।

