हर दिन 41 अपराध! विधानसभा में उजागर हुई दलित-ST महिलाओं की भयावह सच्चाई.


41 Crimes Every Day! Alarming Truth About Dalit-ST Women Exposed in State Assembly.
Special Correspondent, Bhopal, MP Samwad.
The Madhya Pradesh Assembly revealed shocking data: over 44,978 crimes were committed against Dalit and tribal women from 2022 to 2024. With an average of 41 incidents daily, the figures highlight the grim reality of caste- and gender-based violence, questioning the effectiveness of state protection and justice systems.
MP संवाद, भोपाल। विधानसभा में मंगलवार को विपक्षी विधायक आरिफ मसूद के सवाल के जवाब में मध्य प्रदेश सरकार ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया। सरकार द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, दलित और आदिवासी महिलाओं के खिलाफ हो रहे यौन अपराधों की संख्या डरावनी और गंभीर है। यह आंकड़े ना सिर्फ जातिगत हिंसा को उजागर करते हैं, बल्कि हमारी व्यवस्था की संवेदनहीनता पर भी सवाल उठाते हैं।
2022 से 2024 के बीच 7,418 बलात्कार
मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में प्रस्तुत आंकड़ों के मुताबिक, 2022 से 2024 के बीच अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) की 7,418 महिलाओं के साथ बलात्कार हुआ।
- इनमें से 558 महिलाओं की हत्या कर दी गई।
- 338 मामलों में गैंगरेप की पुष्टि हुई।
हर दिन औसतन 5 से अधिक यौन हमले
- इस अवधि में 5983 छेड़छाड़ के मामले दर्ज किए गए — यानी हर दिन 5 SC/ST महिलाएं यौन उत्पीड़न की शिकार हुईं।
- 1,906 घरेलू हिंसा के मामले — यानी हर दिन 2 महिलाएं अपने ही घर में पीड़ित।
कुल 44,978 अपराध सिर्फ तीन साल में
तीन साल में SC/ST महिलाओं के खिलाफ कुल 44,978 आपराधिक मामले दर्ज हुए — यानी हर दिन औसतन 41 अपराध। यह संकेत करता है कि समाज के सबसे वंचित वर्ग की महिलाएं सबसे असुरक्षित हैं।
जनसंख्या बनाम अपराध
मध्य प्रदेश की कुल जनसंख्या में SC/ST समुदाय का हिस्सा 38% है (16% SC और 22% ST), फिर भी इन समुदायों की महिलाएं निरंतर हिंसा का शिकार हो रही हैं।
विधानसभा में उठे सवाल
इन आंकड़ों के सामने आने के बाद यह सवाल उठता है:
“क्या हमारे कानून, हमारी सरकार, और हमारी सोच अब भी इन वर्गों की महिलाओं को सुरक्षा नहीं दे पा रही है?”
और सबसे गंभीर बात —
“क्या ये सिर्फ आंकड़े हैं, या उन हज़ारों चीखों की अनसुनी गूंजें, जो कभी अदालत तक नहीं पहुंच पाईं?”