सपनों पर मलबा! जर्जर स्कूलों के बीच बच्चों की हिम्मत को सलाम.


Debris on Dreams! Saluting the Courage of Children Studying Amid Crumbling Schools.
Special Correspondent, Rajgarh, MP Samwad.
In Rajgarh district, 526 school buildings are in a dilapidated state with no repair funds released for the past two years. Children are forced to study in temples, private rooms, or crumbling structures, risking their lives. Neglect of the education system is putting the future of thousands of students at risk.
MP संवाद, राजगढ़ जिले में बच्चों की पढ़ाई खतरे में है, क्योंकि 526 सरकारी स्कूल भवन जर्जर हालत में हैं। दो साल से इन भवनों की मरम्मत के लिए कोई फंड जारी नहीं किया गया है। नतीजतन, कई स्कूल निजी भवनों या मंदिर प्रांगणों में संचालित हो रहे हैं, जबकि कई खस्ताहाल इमारतों में जान जोखिम में डालकर पढ़ाई की जा रही है।
शिक्षा के लिए जान जोखिम में
राजस्थान सीमा से लगे राजगढ़ जिले के सरकारी स्कूलों की हालत चिंताजनक है। जिले के 339 प्राथमिक और 189 माध्यमिक स्कूल भवन पूरी तरह जर्जर हो चुके हैं। रोज़ाना सैकड़ों बच्चे ऐसे भवनों में पढ़ाई करने आ रहे हैं, जो कभी भी जानलेवा साबित हो सकते हैं।
कुंडीखेड़ा स्कूल की हालत बेहद खतरनाक
जीरापुर ब्लॉक के शासकीय माध्यमिक विद्यालय कुंडीखेड़ा की बिल्डिंग 2007 में बनी थी, पर अब उसकी छत टूट चुकी है और लोहे की सरिया बाहर दिख रही हैं। पिछले दो वर्षों से शिकायतें हो रही हैं, लेकिन अब स्थिति यह है कि 45 बच्चों को एक ही 12×20 के कमरे में पढ़ाया जा रहा है।
हराना स्कूल में कक्षाएं बंद, 175 बच्चे परेशान
सारंगपुर ब्लॉक के हराना स्कूल में एक कक्ष की हालत इतनी खराब हो चुकी है कि वहां पढ़ाई बंद कर दी गई है। अब सिर्फ 5 कमरों में 175 बच्चे किसी तरह पढ़ाई कर रहे हैं। कम से कम दो और कक्षों की जरूरत बताई गई है।
डीपीसी ने दी जानकारी, लेकिन फंड नदारद
डीपीसी के अनुसार, पिछले वर्ष 453 स्कूलों की मरम्मत की मांग भेजी गई थी, लेकिन सिर्फ 90 स्कूलों के लिए फंड मिला। अब 526 स्कूलों की मरम्मत के लिए फिर से मांग भेजी गई है, लेकिन दो वर्षों से राज्य शिक्षा केंद्र से कोई पर्याप्त फंड जारी नहीं हुआ है।