प्रशासन का ढोंग उजागर! कांग्रेस प्रवक्ता ने बताया ‘नशा मुक्ति अभियान’ का सच.


Administration’s Hypocrisy Exposed! Congress Spokesperson Reveals the Truth Behind the ‘De-addiction Campaign.
Correspondent, Burhanpur, MP Samwad.
Despite grand rallies under the “Say No to Drugs” campaign, liquor and tobacco shops still operate near schools and temples. Congress spokesperson Nikhil Khandelwal questions the seriousness of the government’s efforts, calling the campaign a superficial formality, far removed from ground reality.
MP संवाद, बुरहानपुर। जिला कांग्रेस प्रवक्ता निखिल मधुसूदन खंडेलवाल ने राज्य सरकार के “नशे से दूरी है जरूरी” अभियान की प्रामाणिकता पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब तक शैक्षणिक और धार्मिक संस्थानों के पास स्थित शराब की दुकानें और तंबाकू-सिगरेट बेचने वाली गुमटियां नहीं हटाई जातीं, तब तक यह अभियान सिर्फ दिखावा ही रहेगा।
उन्होंने कहा कि हाल ही में प्रदेशभर में प्रशासन एवं पुलिस द्वारा इस अभियान के तहत रैलियां और जागरूकता कार्यक्रम किए जा रहे हैं, लेकिन ज़मीनी हकीकत इससे बिल्कुल उलट है। यदि सरकार सच में नशा मुक्ति के लिए गंभीर होती, तो सबसे पहले शिक्षण संस्थानों और मंदिर-मस्जिदों के आस-पास संचालित शराब दुकानों और नशे से संबंधित गुमटियों पर सख्त कार्रवाई करती।
खंडेलवाल ने आरोप लगाया कि यह अभियान भी सरकार के बाकी अभियानों की तरह केवल कागजों तक ही सीमित रह गया है। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक अधिकारी सिर्फ खानापूर्ति कर रहे हैं, जबकि असल समस्या की जड़ पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही।
“बिना शराब और तंबाकू की दुकानों को हटाए यह अभियान सिर्फ एक ढकोसला है। सरकार और प्रशासन को इसे गंभीरता से लेना चाहिए,” — निखिल खंडेलवाल, प्रवक्ता, जिला कांग्रेस, बुरहानपुर