अब स्कूल बनेगा आधार केंद्र: 18 अगस्त से बच्चों के लिए राज्यव्यापी अभियान.


Now Schools Will Become Aadhaar Centers: Statewide Campaign for Children Begins from August 18.
Harishankar Parashar, Special Correspondent, Bhopal, MP Samwad.
From August 18, government schools in Madhya Pradesh will host special Aadhaar enrollment and biometric update camps for children. The initiative, titled “Aadhaar at School Doorstep,” aims to strengthen children’s digital identity and link them to essential academic and welfare schemes seamlessly.
MP संवाद, भोपाल, प्रदेश के सरकारी स्कूलों में बच्चों के आधार कार्ड बनाने और अपडेट करने के लिए 18 अगस्त से विशेष अभियान शुरू किया जा रहा है। यह पहल स्कूल शिक्षा विभाग और यूआईडीएआई (UIDAI) द्वारा संयुक्त रूप से की जा रही है। इस अभियान को “विद्यार्थी के लिए आधार, अब विद्यालय के द्वार” नाम दिया गया है।
स्कूलों में ही लगाए जाएंगे नामांकन व अपडेट शिविर
अभियान के दौरान सरकारी स्कूल परिसरों में ही आधार नामांकन और बायोमेट्रिक अपडेट शिविर आयोजित किए जाएंगे। यह विशेष रूप से बच्चों के अनिवार्य बायोमेट्रिक अपडेट (MBU) पर केंद्रित रहेगा, जिसमें उंगलियों के निशान, आईरिस स्कैन और फोटोग्राफ को अपडेट किया जाएगा।
बायोमेट्रिक अपडेट की समयसीमा और शुल्क संरचना
सरकार के नियमों के अनुसार:
- पहला बायोमेट्रिक अपडेट तब आवश्यक होता है जब बच्चा 5 वर्ष का हो जाता है (5 से 7 वर्ष तक नि:शुल्क)।
- 7 वर्ष के बाद यह सेवा शुल्कयुक्त हो जाती है।
- दूसरा अनिवार्य अपडेट 15 वर्ष की उम्र में आवश्यक है, जो 17 साल तक नि:शुल्क है।
- 17 साल के बाद यह भी शुल्क के साथ कराया जाएगा।
अभियान का महत्व और उद्देश्य
अपडेटेड आधार कार्ड छात्रों के लिए कई महत्वपूर्ण सेवाओं में अनिवार्य है, जैसे:
- स्कूल प्रवेश
- प्रवेश परीक्षाएं
- छात्रवृत्ति योजनाएं
- डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT)
इसके अतिरिक्त, सरकार का लक्ष्य 100% आधार-आधारित यूनिक छात्र आईडी बनाना है, जिससे छात्रों के सभी शैक्षणिक रिकॉर्ड – मार्कशीट, डिग्री, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट – डिजिटल रूप से सुरक्षित और आसानी से उपलब्ध हो सकें।
40 जिलों में पहले चरण की शुरुआत
अभियान का पहला चरण 18 अगस्त से प्रदेश के 40 जिलों में एक साथ शुरू होगा, जो 1 से 2 महीने तक चलेगा। इसके बाद शेष 15 जिलों में सितंबर के पहले सप्ताह से दूसरा चरण आरंभ होगा। पहले चरण में उन क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई है जहां बायोमेट्रिक अपडेट की पेंडेंसी अधिक है।
पिन कोड के आधार पर चयनित स्कूल
UIDAI ने प्रत्येक जिले में उन पिन कोड क्षेत्रों की पहचान की है, जहां अनिवार्य बायोमेट्रिक अपडेट की स्थिति सबसे खराब है। स्कूल शिक्षा विभाग ने उन्हीं पिन कोड में आने वाले सरकारी स्कूलों को शिविरों के लिए चुना है।
प्रचार-प्रसार के निर्देश
अभियान की सफलता सुनिश्चित करने के लिए जिला प्रशासन को प्रचार-प्रसार तेज करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि अधिक से अधिक छात्र इस शिविर का लाभ ले सकें।