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भ्रष्टाचार पर सख्ती! इस बार मूंग-उड़द खरीदी में पारदर्शिता का दावा.

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नरसिंहपुर जिले में मूंग और उड़द की समर्थन मूल्य पर खरीदी प्रक्रिया में किसानों

Crackdown on Corruption! This Time, a Promise of Transparency in Moong-Urad Procurement.

Rajneesh Kaurav, Special Correspondent, Narsinghpur, MP Samwad.

The MSP procurement of moong and urad has begun in Narsinghpur from July 7. This time, quality checks are being handled by NCML under MARKFED supervision. After last year’s irregularities, the government promises a transparent process to ensure farmers receive fair value for their crops without corruption or bias.

MP संवाद, नरसिंहपुर। मध्य प्रदेश में ग्रीष्मकालीन मूंग और उड़द की समर्थन मूल्य पर खरीदी 7 जुलाई 2025 से दस्तावेज़ी रूप से शुरू कर दी गई है। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा जारी आदेशानुसार किसानों से प्रति हेक्टेयर 12 क्विंटल की दर से उपज खरीदी जाएगी।

इस वर्ष मूंग का समर्थन मूल्य ₹8682/क्विंटल और उड़द का ₹7400/क्विंटल तय किया गया है। खरीदी की जिम्मेदारी NAFED और NCCF के माध्यम से राज्य की सहायक नोडल एजेंसी MARKFED को सौंपी गई है, जिसकी निगरानी कृषि विभाग कर रहा है।


मुख्य भूमिका निभा रहे ये विभाग और एजेंसियां:

  1. सर्वेयर – फसल की गुणवत्ता की जांच करते हैं। इस वर्ष यह जिम्मेदारी NCML (नेशनल कमोडिटीज मैनेजमेंट सर्विसेज लिमिटेड) को दी गई है।
  2. सेवा सहकारी समितियां – तुलाई, सिलाई, छपाई और कोडिंग कर फसल को वेयरहाउस तक भेजती हैं।
  3. भंडारण एजेंसियां (MPWLC और JVS गोदाम) – गुणवत्ता और वजन सुनिश्चित कर भंडारण की निगरानी करती हैं।

पिछले साल का विवाद और इस साल की पारदर्शिता

पिछले वर्ष जिले में तैनात एजेंसी के खिलाफ मूंग खरीदी में गड़बड़ियों की शिकायतें सामने आई थीं, जिससे NAFED और MARKFED की छवि धूमिल हुई थी। इस बार NCML द्वारा तकनीकी रूप से प्रशिक्षित और अनुभवी सर्वेयरों की नियुक्ति की गई है ताकि भ्रष्टाचार से मुक्त और गुणवत्ता आधारित खरीदी सुनिश्चित हो सके।

क्या बोले जिम्मेदार?

मनीष चौरसिया (जिला प्रबंधक, MARKFED):
“अब तक 3368 मीट्रिक टन मूंग की खरीदी हो चुकी है। कोई शिकायत नहीं मिली, यदि मिली तो कार्यवाही सुनिश्चित है।”

रविंद्र शर्मा (क्लस्टर हेड, NAFED):
“केंद्रों पर निरीक्षण और किसानों से फीडबैक के अनुसार प्रक्रिया पारदर्शी और नियम के अनुसार चल रही है।”

पवन पटेल (किसान नेता, गाडरवारा):
“पिछले वर्ष की तुलना में इस बार किसानों को कोई शिकायत नहीं है, सर्वेयरों का कार्य सराहनीय है।”

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