एक लाख युवाओं का भविष्य अधर में, कांग्रेस ने उठाया आरक्षण मुद्दा.


Future of one lakh youths at stake, Congress raises reservation issue.
Special Correspondent, Bhopal, MP Samwad.
The OBC reservation issue has reignited in Madhya Pradesh as Congress accused the BJP government of injustice. Congress leaders claim over one lakh candidates’ futures are at stake due to stalled appointments. Despite legal provisions, 27% OBC quota was never implemented, raising questions on the government’s intent and fairness.
MP संवाद, भोपाल, प्रदेश में ओबीसी आरक्षण का मुद्दा एक बार फिर गरमा गया है। मध्य प्रदेश कांग्रेस ने राज्य की मोहन यादव सरकार पर अन्य पिछड़ा वर्ग के साथ अन्याय करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस का कहना है कि कमलनाथ सरकार के दौरान 27 प्रतिशत आरक्षण लागू किया गया था, जिसे भाजपा ने रोक दिया।
“एक लाख से अधिक युवाओं का भविष्य दांव पर”
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने संयुक्त बयान में कहा कि भाजपा सरकार ने छह वर्षों से ओबीसी समाज के साथ छल किया। कांग्रेस सरकार ने 2019 में अध्यादेश और कानून बनाकर 27% आरक्षण लागू किया था, लेकिन भाजपा ने 2021 और 2022 में आदेश जारी कर नियुक्तियों को रोक दिया।
उनका आरोप है कि इस फैसले से एक लाख से अधिक अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में लटक गया। हजारों उम्मीदवारों की नौकरियां रुकी पड़ी हैं और कई ने निराशा में आत्महत्या तक कर ली।
“भाजपा-आरएसएस की दोहरी नीति उजागर”
जीतू पटवारी ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने आरक्षण रोकने के लिए 100 करोड़ रुपये वकीलों पर खर्च किए, जबकि खुद को आरक्षण समर्थक बताती रही। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर भाजपा सचमुच पक्ष में थी, तो 2019 का कानून लागू करने से किसने रोका?
उमंग सिंघार ने कहा कि मुख्यमंत्री मोहन यादव की 28 अगस्त को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक केवल दिखावा है। सुप्रीम कोर्ट भी लगातार सरकार से पूछ रहा है कि 27% आरक्षण क्यों लागू नहीं किया गया और 13% नियुक्तियां क्यों रोकी गईं। कांग्रेस नेताओं का दावा है कि भाजपा-आरएसएस ओबीसी समाज को उनका हक देने के खिलाफ हैं, जबकि कांग्रेस ही आरक्षण दिलाकर रहेगी।