Jitu Patwari raised many important questions of the public on Mohan government,
- जिनका जवाब देने से मोहन सरकार बच रही है
- नरेंद्र मोदी के चुनावी वादों का क्या हुआ
भोपाल । मध्यप्रदेश सरकार 20 फरवरी को बाजार से पांच हजार करोड़ रुपये का कर्ज लेने जा रही है! आरबीआई के माध्यम से गवर्मेन्ट सिक्युरिटीज का विक्रय कर यह कर्ज कुल तीन हिस्सों में लिया जाएगा!
पहला कर्ज ₹1,500 करोड़ 16 वर्ष और इतनी ही राशि का दूसरा कर्ज 20 वर्ष के लिए लिया जाएगा! ₹2000 करोड़ का तीसरा कर्ज 21 वर्ष में चुकाया जाएगा! तीनों ही कर्ज पर साल में दो बार कूपन रेट पर ब्याज का भुगतान भी किया जाएगा!
वित्तीय वर्ष 2023-24 में भाजपा सरकार अब तक कुल 27 हजार 500 करोड़ रुपए का कर्ज ले चुकी है! ₹5000 करोड़ के इस कर्ज को मिला लिया जाए, तो यह राशि 32 हजार 500 करोड़ हो जाएगी!
31 मार्च 2023 की स्थिति में सरकार पर तीन लाख 31 हजार करोड़ रुपए से अधिक कर्ज है! उल्लेखनीय यह भी है कि इसी माह 06 फरवरी को मोहन सरकार ने तीन हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया था!
नरेन्द्र मोदी के चुनावी वादे और “मोदी की चुनावी गारंटी” के बावजूद लाड़ली बहनों को ₹3000 प्रतिमाह नहीं दिए जा रहे! धान का समर्थन मूल्य ₹3100 प्रति क्विंटल घोषित करने के बावजूद नहीं दिया गया! वहीं गेहूं को लेकर भी ₹2700 प्रति क्विंटल सिर्फ “चुनावी जुमला” ही साबित हो रहा है!
सरकारी भर्तियों में खुलेआम धांधली चल रही है! सरकार की जांच रिपोर्ट संदिग्ध साबित हो रही है! युवा सड़कों पर उतरकर भाजपा सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं! इसके बावजूद भी प्रदेश की भाजपा सरकार बेपरवाह है!
एक ओर आर्थिक अराजकता का बढ़ता दायरा प्रदेश को कर्जदार बना रहा है, वहीं दूसरी तरफ युवा, गरीब, किसान और महिलाएं सरकारी वादे की पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं! लोकसभा चुनाव में उतरने की तैयारी कर रही है । भाजपा पहले जनता के सवालों के जवाब दे! ताकि, झूठे वादे करने वाले मुंह से, फिर कोई नया झूठ निकल नहीं पाए!