

इंदौर में रिश्वत लेते पकड़ा गया प्रधान आरक्षक, लोकायुक्त ने किया खुलासा
Head Constable caught taking a bribe of 50,000; Lokayukta exposes the case.
Special Correspondent, Bhopal, MP Samwad.
लोकायुक्त की बड़ी कार्रवाई
इंदौर लोकायुक्त पुलिस ने एक बार फिर घूसखोर शासकीय कर्मचारी को रंगे हाथ पकड़ने में सफलता हासिल की है। इस बार यह कर्मचारी पुलिस का प्रधान आरक्षक निकला, जिसने एक मामले को कमजोर करने और आरोपी पत्नी को जेल न भेजने का आश्वासन देकर 5 लाख रुपये रिश्वत की मांग की थी। लोकायुक्त टीम ने उसे 50 हजार रुपये की पहली किश्त लेते हुए गिरफ्तार कर लिया। इसके साथ ही उसके एक साथी को भी हिरासत में लिया गया है।
लोकायुक्त में दर्ज हुई शिकायत
लोकायुक्त पुलिस इंदौर कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, अनूप नगर, इंदौर के साईं अपार्टमेंट में रहने वाली भेघा देलवार ने शिकायत दर्ज कराई थी। उनके अनुसार, एमआईजी थाना में पदस्थ प्रधान आरक्षक अरुण शर्मा ने उनसे 5 लाख रुपये रिश्वत की मांग की थी।
5 लाख रुपये की रिश्वत क्यों मांगी गई?
शिकायत के अनुसार, भेघा देलवार के पति बासिल मंसूरी ने उनके खिलाफ एमआईजी थाने में मारपीट का केस दर्ज कराया था। इस मामले की जांच प्रधान आरक्षक अरुण शर्मा कर रहे थे। उन्होंने प्रकरण को कमजोर करने और भेघा को जेल न भेजने के बदले 5 लाख रुपये की रिश्वत मांगी।
रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया प्रधान आरक्षक
शिकायत की जांच के बाद लोकायुक्त टीम ने ट्रैप प्लान तैयार किया। निर्धारित समय के अनुसार, लोकायुक्त टीम भेघा देलवार के घर पहुंची। लेकिन प्रधान आरक्षक अरुण शर्मा स्वयं वहां नहीं आया, बल्कि उसने अपने साथी अयूब खान को पहली किश्त 50 हजार रुपये लेने के लिए भेजा। अयूब खान ने रिश्वत की रकम लेकर अरुण शर्मा को दी, और जैसे ही राशि अरुण शर्मा के हाथ में पहुंची, लोकायुक्त ने दोनों को रंगे हाथ पकड़ लिया।
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