कीचड़ में फंसी संवेदनाएं! महिला और नवजात को खींचती बैलगाड़ी.


Emotions Stuck in the Mud! A Bullock Cart Pulls a Mother and Her Newborn.
Special Correspondent, Guna, MP Samwad.
In Guna, Madhya Pradesh, a woman and her newborn had to be taken to an ambulance via bullock cart due to muddy, broken roads. The ambulance couldn’t reach the village. The Human Rights Commission has taken serious note of this inhumane situation and asked the administration for a detailed report.
MP संवाद, गुना (मध्य प्रदेश)। राज्य में ग्रामीण क्षेत्रों की बदहाल स्वास्थ्य और परिवहन व्यवस्था एक बार फिर सवालों के घेरे में है। गुना जिले के दमरा डेरा गांव में एक महिला ने घर पर बच्चे को जन्म दिया, लेकिन प्रसव के तुरंत बाद जब उसकी तबीयत बिगड़ी, तो उसे अस्पताल तक पहुंचाने में सड़कें सबसे बड़ी बाधा बन गईं।
एम्बुलेंस गांव तक नहीं पहुंच सकी क्योंकि रास्ते कीचड़ भरे और पूरी तरह टूटे हुए थे। मजबूरी में परिजन महिला और नवजात को बैलगाड़ी से मुख्य सड़क तक लाए, जहां एम्बुलेंस इंतजार कर रही थी।
पहले भी सामने आ चुके हैं ऐसे मामले
यह कोई पहली घटना नहीं है। कुछ दिन पहले सीधी जिले की एक गर्भवती सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर लीला साहू ने भी वीडियो के माध्यम से सवाल उठाया था कि खराब सड़कों के बीच वह प्रसव पीड़ा की हालत में कैसे अस्पताल पहुंचेगी।
मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान
घटना सामने आने के बाद मध्य प्रदेश मानवाधिकार आयोग ने इस पर गंभीर संज्ञान लिया है। आयोग ने गुना कलेक्टर से एक महीने के भीतर जांच रिपोर्ट मांगी है।
आयोग ने बमोरी ब्लॉक के मोहनपुर खुर्द गांव का भी उल्लेख किया, जहां एक अन्य महिला को नवजात शिशु के साथ तीन किलोमीटर तक बैलगाड़ी में लाना पड़ा था।
मानवाधिकार आयोग ने जिला प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि गांवों में मूलभूत सड़कों और स्वास्थ्य सुविधाओं में तत्काल सुधार किया जाए।