

Exposed: Fake doctor in Madhya Pradesh linked to seven patient deaths, sparking a statewide medical accountability debate
Fake MBBS Degree, Real Deaths: A Serious Question on the Medical System.
Sone Singh Thakur, Special Correspondent, Damoh, MP Samwad.
नकली MBBS डिग्री और सात मौतें—‘डॉक्टर डेथ’ ने स्वास्थ्य तंत्र की पोल खोल दी। यह मामला मेडिकल निगरानी, लाइसेंसिंग और मरीज़ों की सुरक्षा पर गहरे सवाल खड़े करता है।
A fake MBBS degree and seven real deaths expose a terrifying hole in our healthcare system. Doctor Death’s case shakes public trust, raising serious questions about medical oversight, licensing, and patient safety in Madhya Pradesh.
दमोह। फर्जी दस्तावेजों के जरिए मिशन अस्पताल में सर्जरी कर 7 मरीजों की मौत का जिम्मेदार फर्जी डॉक्टर नरेंद्र विक्रमादित्य यादव उर्फ एन. जॉन कैम दमोह जिला जेल में बंद है। लेकिन जेल में भी उसने कर्मचारियों का जीना मुश्किल कर रखा है। अपनी करतूतों से मिशन अस्पताल में ताला डलवा चुके “डॉक्टर डेथ” ने पिछले 15 दिनों से जेल में नहाने से इनकार कर दिया है, जिससे लाचार जेल अधीक्षक को न्यायालय को पत्र लिखना पड़ा है।
जेल का माहौल बिगाड़ रहा “डॉक्टर डेथ”
रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 15 दिनों से दमोह जिला जेल में न्यायिक अभिरक्षा में बंद इस फर्जी डॉक्टर ने एक ही जोड़ी काले कपड़ों में रहना शुरू कर दिया है। इतना ही नहीं, उसने इस दौरान नहाने से इनकार कर दिया है, जिससे जेल का माहौल बिगड़ रहा है। इस संबंध में जेल अधीक्षक ने न्यायालय को पत्र लिखकर उसके स्थानांतरण की मांग की है।
18 साल में 15 सर्जरी, 7 मौतें
नरेंद्र विक्रमादित्य यादव पर आरोप है कि उसने दमोह के मिशन अस्पताल में खुद को कार्डियोलॉजिस्ट बताकर 15 सर्जरी कीं, जिनमें से 7 मरीजों की मौत हो गई। चौंकाने वाली बात यह है कि इसी डॉक्टर ने 2006 में छत्तीसगढ़ के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद शुक्ल का भी ऑपरेशन किया था, जिसमें उनकी मौत हो गई थी।
महिला डॉक्टर के नाम पर थी MBBS डिग्री
मेडिकल काउंसिल के रिकॉर्ड से पता चला है कि नरेंद्र विक्रमादित्य यादव की MBBS डिग्री का रजिस्ट्रेशन एक महिला डॉक्टर के नाम पर है और बाकी डिग्रियों का कोई प्रमाण नहीं मिला है। दमोह के SP श्रुतकीर्ति सोमवंशी के मुताबिक, उसकी सभी डिग्री नकली लग रही हैं।