

Damoh Mission Hospital Scam: Fake doctor exposed after 7 patient deaths during unauthorized heart surgeries
Mission Failed at Mission Hospital: A Fake Doctor, Seven Death.
Sone Singh Thakur, Special Correspondent, Damoh, MP Samwad.
A shocking medical scam has surfaced at Damoh’s Mission Hospital, where a fake ‘London-returned’ doctor operated on 15 cardiac patients—leading to 7 mysterious deaths. Identified as Narendra Yadav, the impostor posed as a cardiologist, exposing a severe lapse in hospital verification. Investigations are underway, and human rights commission seeks a report.
दमोह स्थित मिशन अस्पताल में कथित फर्जी डॉक्टर नरेंद्र यादव (उर्फ नरेंद्र जॉन कैम) का मामला गंभीर होता जा रहा है। पुलिस ने उसे प्रयागराज से गिरफ्तार कर लिया है और अब उसके खिलाफ कार्रवाई तेज हो गई है। यादव पर आरोप है कि उसने अस्पताल में कई मरीजों का गलत इलाज कर उनकी जान ले ली।
पुराना मामला फिर हुआ गर्म:
जांच में पता चला है कि यादव साल 2006 में छत्तीसगढ़ के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद शुक्ल की सर्जरी भी कर चुका है, जिसमें शुक्ल की मौत हो गई थी। इस मामले को लेकर शुक्ल के बेटे और हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश अनिल शुक्ला ने न्यायिक जांच की मांग की है। उनका कहना है कि यह केवल एक डॉक्टर की गलती नहीं, बल्कि पूरी स्वास्थ्य व्यवस्था की विफलता है।
NHRC ने उठाया कदम:
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने भी हस्तक्षेप किया है और राज्य सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। आयोग ने कहा है कि यदि अस्पताल प्रशासन ने समय पर कार्रवाई की होती, तो इतनी मौतें नहीं होतीं।
पुलिस जांच जारी:
दमोह पुलिस आरोपी डॉक्टर से पूछताछ कर रही है और उसके नकली दस्तावेजों व पिछले अपराधिक रिकॉर्ड की जांच कर रही है।
क्या है मामला:
जिले के प्रतिष्ठित मिशन अस्पताल में एक फर्जी डॉक्टर द्वारा किए गए ऑपरेशनों के बाद 7 मरीजों की संदिग्ध मौत ने प्रशासनिक लापरवाही को चिंताजनक रूप से उजागर किया है। आरोपी डॉ. नरेंद्र यादव, जो खुद को लंदन के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. एनजॉन केम बताता था, जनवरी-फरवरी में 15 मरीजों का ऑपरेशन किया। इनमें से 7 की मृत्यु हो गई, जबकि दो मामलों में अस्पताल ने मौत की पुष्टि की है।
पीड़ित परिवारों की आपबीती:
- रहीसा बेगम (45) के बेटे नबी कुरैशी ने बताया, “ऑपरेशन के बाद डॉक्टर ने कोई जवाब नहीं दिया और फरार हो गए।”
- मंगल सिंह (62) के पुत्र ने आरोप लगाया, “एंजियोग्राफी के नाम पर पैसे ऐंठे गए, और ऑपरेशन में पिताजी की जान चली गई।”
नकली डिग्री और पुराने गुनाह:
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि यादव के पास आंध्र प्रदेश से ली गई एमबीबीएस और कार्डियोलॉजी की डिग्रियाँ नकली हैं। 2006 में बिलासपुर के अपोलो अस्पताल में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद शुक्ल की मृत्यु के मामले में भी उन पर शिकंजा कसा गया था।
अस्पताल और प्रशासन की चुप्पी:
मिशन अस्पताल प्रबंधन ने दोष एक ठेकेदार एजेंसी पर मढ़ते हुए कहा, “हमें भी धोखा हुआ।” वहीं, स्वास्थ्य विभाग ने 20 फरवरी की शिकायत पर 40 दिन बाद ही नोटिस जारी किया।
जनता के सवाल:
- कैसे एक फर्जी डॉक्टर ने बिना रोक-टोक ऑपरेशन किए?
- मृतकों के परिवारों को मिलेगा मुआवजा या न्याय?
- क्या स्वास्थ्य सेवाओं में गुणवत्ता की जांच के मानदंड धरे रह जाएंगे?