MP Excise Department, contractors, and illegal liquor: the responsible parties are also involved in this racket.
Special Correspondent Katni, Madhya Pradesh.
कटनी। जिले के तहसील अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र के दर्जनों गांव में आबकारी विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत के चलते स्थानीय लाइसेंसी शराब ठेकेदार के माध्यम से ही अवैध शराब बिक्री करवाई जा रही है। इसको लेकर क्षेत्रीय ग्रामीण महिलाएं एवं जनप्रतिनिधि कई बार लामबंद हो चुके हैं। इस पर स्थानीय ग्रामीणों ने भी आपत्ति जताते हुए गांवों में शराब की अवैध बिक्री रोकने की बात कही परंतु यह गोरखधंधा बदस्तूर चल रहा है। इस पर रोक नहीं लग पा रही है। विगत दिवस पहले ही ही पुलिस ने कार्रवाई करते हुए अवैध शराब बेचते हुए कुछ लोगों पर कार्रवाई की थी इसके बावजूद भी लाइसेंसी ठेकेदार अवैध शराब बिक्री धड़ल्ले से करा रहा है।
लंबे समय से गांवो में हो रही शराब की अवैध बिक्री :
बता दें कि, स्लीमनाबाद के, स्लीमनाबाद, बंधी स्टेशन, छपरा, भरदा बड़खेरा, तिहारी, तेवरी , लखापतेरी, गुदरी, बंडा सरसवाही,धरवारा, इमलिया, जुझावल, पड़वार, ढीमरखेड़ा तहसील के ग्राम भनपुरा कला बारगांव, बरेली, इटवा, पिपरिया सहलावन, सहित विभिन्न ग्रामों में स्थानीय लाइसेंसी शराब ठेकेदार के संरक्षण में लंबे समय से गांवों में शराब की अवैध बिक्री की जा रही है। आबकारी विभाग की मिलीभगत से शराब ठेकेदार द्वारा खुद के वाहनों से खुलेआम गांव-गांव दुकानें खुलवाकर अंग्रेजी एवं देशी शराब बेची जा रही है। जिसके कारण ग्रामीण क्षेत्रों में आए दिन झगड़े हो रहे है। वहीं विशेष तौर पर पुरुषों की शराबखोरी की लत के कारण महिलाएं परेशान हो रही हैं। गृह कलह से जूझ रही है।
युवा पड़ रहे नशे की लत :
दर्जनभर ग्रामों में अवैध शराब खुलेआम बिकने के कारण युवा नशे की लत में पड़ते जा रहे हैं और जिम्मेदार हाथ पर हाथ रखे बैठे हुए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में आए दिन मारपीट के मामले सामने आ रहे हैं परिवारों में आपसी कलह देखी जा रही है जिसका मुख्य कारण शराब ही है। जो युवा देश का भविष्य है आज नशे की लत के कारण मदहोशी में पड़ा है और जिम्मेदार बेखबर हैं।
विभाग के जिम्मेदार कार्रवाई के नाम पर करते हैं खानापूर्ति :
वहीं ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि क्षेत्र में खुलेआम अवैध शराब बेची जा रही विभाग के अधिकारियों को कई बार अवगत करा चुके हैं इसके बावजूद विभाग के जिम्मेदार कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति करते हैं। अवैध कारोबारियों का गोरखधंधा जैसा चल रहा है चलता रहता है इसलिए इन्हें किसी की कोई परवाह नहीं है, क्योंकि विभाग के जिम्मेदार भी इस गोरखधंधे में शामिल हैं।