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खेल नहीं, घोटाले का मैदान! डिंडोरी स्टेडियम पर उठे सवाल.

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Dindori’s ₹81 lakh stadium remains a crumbling mess after seven years. False completion claims by officials expose a corruption scandal.

Incomplete Dindori Mini Stadium, a symbol of ₹81 lakh corruption, remains abandoned and in ruins after seven years.

Dindori Mini Stadium Scam: ₹81 lakh spent, but the project remains incomplete, raising serious corruption concerns.

Not a Playground, But a Scam! Questions Raised on Dindori Stadium.

Special Correspondent, Dindori, MP Samwad.

A ₹81 lakh scam surfaces in Dindori as a mini stadium remains incomplete after seven years. Officials falsely marked it as ‘complete’ in records, but the site is now a ruin. Players express outrage over lost sports opportunities, while authorities promise action against the corruption involved.

MP डिंडोरी: जिले के मेहदवानी जनपद पंचायत मुख्यालय में ग्रामीण यांत्रिकी विभाग द्वारा वर्ष 2017-18 में लगभग 81 लाख रुपये की लागत से एक मिनी स्टेडियम का निर्माण शुरू किया गया था। लेकिन सात साल बीत जाने के बाद भी यह निर्माण कार्य अधूरा पड़ा है। हैरानी की बात यह है कि विभाग ने इस अधूरे प्रोजेक्ट को सरकारी दस्तावेजों में ‘पूर्ण’ घोषित कर दिया है।

🏚️ लोकार्पण से पहले ही खंडहर बना स्टेडियम

स्थानीय लोगों के अनुसार स्टेडियम के पवेलियन और वॉशरूम से दरवाजे और खिड़कियां चोरी हो चुकी हैं, वहीं बाउंड्रीवाल भी जगह-जगह से टूट चुकी है। स्टेडियम अब एक उजाड़ खंडहर में तब्दील हो चुका है।

💬 “खेल मैदान पहले बेहतर था”: खिलाड़ियों की नाराजगी

स्थानीय युवा खिलाड़ियों का कहना है कि स्टेडियम निर्माण से पहले खेल मैदान की स्थिति कहीं बेहतर थी। उस समय यहां राज्य स्तरीय क्रिकेट प्रतियोगिताएं आयोजित होती थीं, जिसमें ग्वालियर, जबलपुर, मंडला और सिवनी जैसी जगहों से टीमें हिस्सा लेती थीं। लेकिन अब यह मैदान पूरी तरह बर्बाद हो चुका है, जिससे खिलाड़ियों में गहरा आक्रोश है।

⚠️ भारी भ्रष्टाचार का आरोप

ग्राम पंचायत के पंच गुलाब भवेदी ने आरोप लगाया कि मिनी स्टेडियम निर्माण में भारी भ्रष्टाचार हुआ है और निर्माण के नाम पर सिर्फ ढांचा खड़ा कर सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया।

🗣️ विधायक और जनप्रतिनिधियों की प्रतिक्रिया.

स्थानीय भाजपा विधायक और पूर्व कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश धुर्वे ने भी भ्रष्टाचार की बात स्वीकार की है। जिला पंचायत अध्यक्ष रुदेश परस्ते ने जांच कर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। वहीं, ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन यंत्री दीपक आर्मो ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।

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