रेलवे में पानी और सफाई का संकट, CAG रिपोर्ट में खुलासा.


Water and Sanitation Crisis in Railways, CAG Report Reveals.
Harishankar Parashar, Special Correspondent, Katni/Bhopal, MP Samwad.
CAG’s latest audit report exposes serious flaws in Indian Railways’ sanitation and water facilities. Over one lakh complaints were filed in 2022-23 regarding lack of water in toilets and wash basins. Delays in resolving issues, incomplete Quick Watering Arrangements, and poor bio-toilet maintenance worsened passenger inconvenience.
MP संवाद, भोपाल, भारतीय रेलवे की बुनियादी सुविधाओं और स्वच्छता को लेकर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की ताज़ा रिपोर्ट ने गंभीर खामियों का खुलासा किया है। संसद में बुधवार को पेश की गई इस रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 में रेलवे को शौचालयों और वॉशबेसिन में पानी की कमी को लेकर 1 लाख से अधिक शिकायतें मिलीं।
शिकायतें बढ़ीं, समाधान में लगी देरी
रिपोर्ट के मुताबिक, 33,000 से अधिक मामलों में समाधान में अत्यधिक समय लगा, जिससे यात्रियों की परेशानियां बढ़ीं। यह ऑडिट 2018-19 से 2022-23 तक लंबी दूरी की ट्रेनों में स्वच्छता और पानी की उपलब्धता पर केंद्रित रहा।
वाटरिंग स्टेशनों पर अधूरी व्यवस्थाएं
रेलवे बोर्ड ने दावा किया था कि पानी की कमी से निपटने के लिए क्विक वॉटरिंग अरेंजमेंट (QWA) लगाया जाएगा।
लेकिन ऑडिट में सामने आया कि 31 मार्च 2023 तक 109 में से केवल 81 स्टेशनों पर ही QWA शुरू हो पाया।
28 स्टेशनों पर इस सुविधा में दो से चार साल की देरी हुई।
देरी की वजह— धन की कमी, ठेकेदारों की सुस्ती और कार्य स्थगन बताई गई।
बायो-टॉयलेट की सफाई पर सवाल
CAG ने बायो-टॉयलेट की सफाई को लेकर भी चिंता जताई है।
- 96 ट्रेनों में 2,426 यात्रियों से सर्वे किया गया।
- कई जोन में यात्री सफाई से असंतुष्ट पाए गए।
- 5 जोन में 50% से ज्यादा यात्री संतुष्ट थे।
- 2 जोन में 10% से भी कम यात्रियों ने संतुष्टि जताई|
यात्रियों के लिए सफर बना असुविधाजनक
रिपोर्ट साफ करती है कि पानी और स्वच्छता की खामियां रेलवे यात्रा को और असुविधाजनक बना रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि रेलवे को तुरंत कदम उठाने होंगे, वरना यात्रियों का भरोसा डगमगा सकता है।