- बीआरसीसी पी.सी. बोस का शिक्षक मिलन सिंग सिसौदिया को लेकर भ्रमित करने का “भावोत्तेजक” बडा ही ला “जवाब” घोड़डोंगरी
BRCC Ghoradongri’s negligence towards education: Dr. Zakir Sheikh
घोड़ाडोंगरी ! शासकीय प्राथमिक शाला है, या स्टोर कक्ष यह बीआरसीसी घोड़ाडोंगरी के निगरानी पर कई तरह के सवाल खड़ा करता है, और सवाल खड़े होना लाज़मी भी है। चुकी ग्राम शोभापुर की माध्यमिक विद्यालय दयनीय स्थिति मे जो कि समझ से परे दिखाई दे रही। जर्जर भवन के साथ हालत कचरा घर या स्टोर कक्ष यह समझना बडा मुश्किल है। वही प्राथमिक शाला के शिक्षक एकीकृत माध्यमिक शाला में “इंग्लिश विषय” का लेक्चर देते हुए शिक्षा विकासखण्ड मुख्यालय घोड़ाडोंगरी पहुंच गए, “अगस्त 2023” मे ग्राम शोभापुर में अध्ययनरत छात्र छात्राओं का वर्ष 2023,24 का सत्र पूरी तरह समाप्त होने के पश्चात् वर्ष 2024,25 का एक सत्र निकल चुका। किंतु शिक्षक मिलन सिंग सिसोदिया शिक्षा आधिकारी घोड़ाडोंगरी के दरबार में मंत्रालय वल्लभ भवन के पत्र दि. 26/06/2024 की अवहेलना करते आए दिन देखे जा सकते हैं। जबकि पिछले अंक में शिक्षा आधिकारी और बीआरसीसी घोड़ाडोंगरी की जुगलबंदी शिक्षक मिलन सिंग सिसौदिया के शोभापुर ग्राम से घोड़ाडोंगरी तक के सफर को प्रकाशित किया गया था। चुकी घोडाडोंगरी शिक्षा अधिकारी की छत्र छाया के चलते बीते साल से शिक्षा अधिकार के कार्यलय में जमे हुए दिखाई दे रहे है। वही ग्राम शोभापुर में प्राथमिक एवम माध्यमिक शाल मे बीते साल अगस्त से शिक्षा आधिकारी और बीआरसीसी घोड़ाडोंगरी
छात्रा छात्राओं की शिक्षा की चोरी मे लिप्त पाए जाते है। चुकी किसी ने क्या खूब कहा, साधारण चोर घड़ी, मोबाइल, सोना, चांदी, रुपया, पैसा चुरायेंगा। किंतु शिक्षा विभाग में बैठे सक्षम अधिकारी छात्र छात्राओं का भविष्य, कहो या स्वास्थ्य या शिक्षा चुरा रहे है, इसलिए कहा जाता है, शिक्षित बनो, न की साक्षर। चुकी पिछले अंक में हमने शिक्षा अधिकार के शिक्षा के प्रति कुछ अंश दर्शाए थे, की शिक्षा विभाग में बैठे बीईओ और बीआरसीसी विकासखण्ड के स्कूलों के साथ काम कर जिला, राज्य और राष्ट्रीय शिक्षा पहलों को बढ़ावा देने मे अहम किरदार निभाते हैं, न कि शिक्षकों को मूल शाला से दूर कर अपने कार्यलय में पदस्थ कर सेवा का आनंद लेते हैं। जबकि एक अच्छे शिक्षक का दायित्व बनता है, कि छात्रों के भविष्य को सही आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जाए, शिक्षक न केवल ज्ञान और कौशल प्रदान करने के लिए जिम्मेदार हैं, बल्कि शिक्षक का कर्तव्य है, कि छात्र छात्रा को मार्गदर्शन और सहायता प्रदान कर विद्यार्थियों को एक अच्छा इंसान बनने में मदद करें। यदि एक अच्छा और सच्चा शिक्षा अधिकारी है, तो वह शिक्षक का मूल्यांकन शिक्षक के कर्मों से करेंगा, न कि शिक्षा अधिकारी के कार्यलय में कितने महिने, कितने दिन या साल सेवा मे गुजारे। किंतु शिक्षा कार्यलय घोड़ाडोंगरी में बदस्तूर इंग्लिश विषय के शिक्षक श्री मिलन सिंग सिसौदिया की सेवा जारी है। जिसे बीआरसीसी से शिकायत कर चर्चा की गई थी, जिस पर श्री पी.सी. बोस ने कहा था, कि तीन दिन के लिए शिक्षा अधिकारी श्री रघुवंशी ने कार्यलय कार्य के लिए मांग करने पर, भेजा गया था। जिसे आज ही नोटिस जारी कर ग्राम शोभापुर शाला में तैनात कर देंगे। किंतु ऐसा प्रतीत होता है, की तीन दिन का सफर 365 पार हो गया, और बीआरसीसी, और शिक्षा अधिकारी माध्यमिक व प्राथमिक शाला के छात्र छात्राओं की शिक्षा चोरी करने का कार्य बिना किसी डर एवम खौफ के कर रहें हैं। चुकी आज दि तक शिक्षक मिलन सिंग सिसौदिया के तीन दिन का सफर खत्म नहीं हुए, बीआरसीसी पीसी बोस के नोटिस का कोई मतलब नहीं दिखाई दे रहा। चूके आज तक शोभापुर ग्राम मे शिक्षक मिलन सिंग सिसौदिया पहुंचे नही। जबकि पिछले अंक में हमने बताया था, की बीआरसीसी ने कहा था, आज ही कारण बताओ नोटिस भेजा जायेगा। चुकी मुझे याद है, कि सिर्फ तीन दिन के लिए आपातकाल स्थिति को देखते हुए शिक्षा अधिकार के कहने पर शिक्षा कार्यलय घोड़ाडोंगरी में पदस्थ किया गया था, न कि सालों के लिए, इसे शिक्षक मिलन सिंग सिसौदिया की शाला और छात्रों के प्रति गैर जिम्मेदाराना व्यवहार समझा जाता है, जिसकी जांच कर कार्यवाही की जाएंगी। जो कि आज दि तक नही की गई। इससे बडा मजाक बीआरसीसी पीसी बोस का शिक्षा और छात्रा छात्राओं के प्रति और क्या हो सकता हैं, जिसकी चर्चा चारो ओर चल रही है।