ना सड़क, ना संवेदना! बच्चों और गर्भवती महिलाओं की राह कीचड़ भरी.


No Roads, No Compassion! The Path for Children and Pregnant Women Is Filled with Mud.
Special Correspondent, Barwani, MP Samwad.
In Chhota Barda village of Barwani, children and a disabled teacher struggle daily due to a muddy, broken school path. Even health workers face difficulties reaching pregnant women for vaccinations. Despite repeated pleas, authorities remain silent. The absence of roads exposes the grim reality of rural development and administrative apathy.
MP संवाद, बड़वानी जिले के ठीकरी विकासखंड अंतर्गत ग्राम छोटा बड़दा के कोली मोहल्ला स्थित प्राथमिक विद्यालय तक का रास्ता बदहाल है। हल्की बारिश के बाद यह रास्ता कीचड़ से लबालब भर जाता है, जिससे स्कूली बच्चों और शिक्षकों, खासकर एक दिव्यांग शिक्षक को भारी परेशानी उठानी पड़ती है।
सरदार सरोवर डूब क्षेत्र में शामिल इस गांव के स्कूल में लगभग 35–40 बच्चे पढ़ते हैं। दो शिक्षक पदस्थ हैं, जिनमें से एक दिव्यांग हैं। कीचड़ से भरे रास्ते से रोजाना स्कूल पहुंचना उनके लिए किसी संघर्ष से कम नहीं।
गंदगी और गिरने की घटनाएं आम हैं, बच्चे स्कूल पहुंचने से पहले ही कीचड़ में गिरकर गंदे हो जाते हैं। ग्रामीण राधेश्याम चौबे ने बताया कि इसी रास्ते से होकर उन्हें अपने खेतों में जाना पड़ता है, जिससे वे भी खासे परेशान हैं।
🚨 स्वास्थ्य सेवाएं भी हुई प्रभावित
आशा कार्यकर्ता सरिता सोलंकी ने बताया कि कोली मोहल्ले तक कीचड़ भरे रास्ते के कारण टीकाकरण और स्वास्थ्य सुविधाएं भी बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं। बारिश के समय एंबुलेंस नहीं पहुंच पाती, जिससे गर्भवती महिलाओं को अस्पताल ले जाना बेहद कठिन हो जाता है।
⚠️ प्रशासन और जनप्रतिनिधि मौन
गांव के लोगों ने बताया कि कोली मोहल्ले में 40 से 50 पिछड़े वर्ग के परिवार रहते हैं, और वे लंबे समय से इस सड़क के निर्माण की मांग कर रहे हैं। बावजूद इसके, न तो प्रशासन, न ही जनप्रतिनिधियों ने अब तक कोई ठोस कदम उठाया है।
जब पंचायत सचिव और सरपंच से इस मामले पर बात करने की कोशिश की गई, तो दोनों जवाब देने से बचते नजर आए।