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संविधान निर्माता को समर्पित: ग्यारसपुर में अंबेडकर जयंती पर संवाद और संकल्प.

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Ambedkar Jayanti event in Gyaraspur witnessed educational discussions, social unity, and tribute to Babasaheb’s legacy.

Dr. Ambedkar Jayanti lecture and dialogue held at Gyaraspur school hall with student and community participation

Ambedkar Jayanti celebrated with lecture and dialogue in Gyaraspur; students and dignitaries paid tribute to the Constitution-maker.

Dedicated to the Architect of the Constitution: Dialogue and Resolution on Ambedkar Jayanti in Gyaraspur.

ग्यारसपुर में संविधान निर्माता डॉ. अंबेडकर की जयंती पर व्याख्यान और संवाद कार्यक्रम का आयोजन हुआ। सामाजिक समानता, शिक्षा और अधिकारों पर चर्चा करते हुए वक्ताओं ने बाबासाहेब के विचारों को आत्मसात करने का आह्वान किया। छात्र, शिक्षक और सामाजिक संगठनों की उल्लेखनीय भागीदारी रही।

On Ambedkar Jayanti, a dialogue and lecture series was held in Gyaraspur to honor the Constitution’s architect. Discussions revolved around equality, education, and civic duties. Students, teachers, and social organizations participated actively, echoing Babasaheb’s vision for a just and progressive India.

MP संवाद, ग्यारसपुर (विदिशा): मध्य प्रदेश जन अभियान परिषद द्वारा विकासखंड ग्यारसपुर के उत्कृष्ट विद्यालय में संविधान निर्माता भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के उपलक्ष्य में व्याख्यान माला एवं संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ वरिष्ठ पत्रकार एवं पूर्व सरपंच श्री लीलाधर कुशवाह और पत्रकार व समाजसेवी श्री सीताराम कुशवाह द्वारा बाबासाहेब के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन कर किया गया।

कार्यक्रम में परिषद के विकासखंड समन्वयक श्री स्वदेश आचार्य ने परिषद की योजनाओं व सामाजिक कार्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बाबासाहेब ने संविधान में समानता, स्वतंत्रता और न्याय के साथ मौलिक कर्तव्यों को भी शामिल किया, जो आज भी समाज को दिशा देने का कार्य कर रहे हैं।

श्री सीताराम कुशवाह ने अपने उद्बोधन में डॉ. अंबेडकर के संघर्षों और दलित समाज के उत्थान के लिए किए गए कार्यों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि बाबासाहेब ने बचपन में छुआछूत और सामाजिक भेदभाव का सामना करते हुए भी उच्च शिक्षा प्राप्त की और देश के पहले कानून मंत्री बने।

पूर्व सरपंच श्री लीलाधर कुशवाह ने बताया कि डॉ. अंबेडकर ने महिलाओं के अधिकारों और समानता के लिए कानून बनाए। उन्होंने संविधान निर्माण की जिम्मेदारी निभाई और अंतिम समय तक राज्यसभा के सदस्य रहे।

श्री शैलेन्द्र रघुवंशी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि डॉ. अंबेडकर किसी एक जाति या समुदाय के नहीं, बल्कि समस्त मानवता के कल्याण के लिए कार्य करने वाले युगपुरुष थे।

कार्यक्रम का संचालन श्री स्वदेश आचार्य ने किया और आभार प्रदर्शन नवांकुर समिति के श्री नीलेश भार्गव द्वारा किया गया। इस अवसर पर नवांकुर संस्थाओं, प्रस्फुटन समितियों, सीएमसीएलडीपी परामर्शदाता, छात्र-छात्राएं एवं समाजसेवी संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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