100 करोड़ की काली कमाई! पूर्व आबकारी अधिकारी पर लोकायुक्त का कानूनी हथौड़ा.


Rs 100 Crore Black Wealth! Lokayukta’s Legal Hammer Falls on Former Excise Officer
Special Correspondent, Indore, MP Samwad.
MP संवाद, इंदौर। लोकायुक्त पुलिस इंदौर पूर्व सहायक आबकारी आयुक्त आलोक खरे के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के बहुचर्चित मामले में चार्जशीट दाखिल करने के अंतिम चरण में है। अक्टूबर 2019 में लोकायुक्त ने खरे के ठिकानों पर छापेमारी की थी, जिसमें उनकी ज्ञात आय से कई गुना अधिक संपत्ति सामने आई थी।
70 अधिकारियों की टीम ने खुफिया सूचना के आधार पर भोपाल, इंदौर, रायसेन और छतरपुर में खरे से जुड़े 7 ठिकानों पर एक साथ छापा मारा था। यह छापा राज्य में हाल के वर्षों की सबसे बड़ी कार्रवाइयों में से एक था, जिसमें 100 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध संपत्ति का खुलासा हुआ।
🔍 क्या मिला था छापेमारी में?
- 100 एकड़ से ज्यादा जमीन (भोपाल, छतरपुर, रायसेन में)
- 2 किलो सोना, 10 किलो से अधिक चांदी
- भोपाल में 8 महंगे प्लॉट, गोल्डन सिटी के 2 बंगले
- 5 करोड़ की कीमत वाले 2 फार्महाउस (डबरा इमलिया और चोपड़ा गांव, रायसेन)
- लक्जरी वाहन, कृषि भूमि, वाणिज्यिक संपत्ति, और 46 लाख रुपये खरे की पत्नी मीनाक्षी खरे के खाते में
⚖️ कानूनी प्रक्रिया में अगला कदम
राज्य सरकार ने लोकायुक्त को अभियोजन स्वीकृति दे दी है। अब चार्जशीट कोर्ट में पेश होने वाली है। लोकायुक्त एसपी डीके राठौर ने बताया कि केस मजबूत है और जल्द ही इसे अदालत में प्रस्तुत किया जाएगा।
📉 88% ज्यादा खर्च, वैध आय नहीं मिली
लोकायुक्त की रिपोर्ट के अनुसार, आलोक खरे और उनकी पत्नी मीनाक्षी ने कुल 10.71 करोड़ रुपये खर्च किए, जबकि उनकी वैध आय मात्र 5.69 करोड़ रुपये थी। यानी 88% से अधिक की संपत्ति अवैध मानी गई।
जब मीनाक्षी खरे से पूछताछ की गई, तो उन्होंने अपनी आय को वकालत पेशे से जोड़ने का प्रयास किया, लेकिन कोई भी वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सकीं।
⚔️ प्रशासनिक भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त संदेश
यह मामला मध्य प्रदेश की नौकरशाही में भ्रष्टाचार पर बड़ा प्रहार है और लोकायुक्त की सक्रियता का प्रमाण है। आने वाले समय में यह केस नजीर बन सकता है।