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सिस्टम फेल या सिस्टम फ्रॉड? डॉक्टर-एम्बुलेंस की गलतफहमी में फँसी मासूम की जान!

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Angry parents protest outside Gadarwara hospital after ambulance delay endangered child

System Failure or System Fraud? An Innocent Life Caught in Doctor-Ambush Confusion!

Rajneesh Kaurav, Special Correspondent, Narsinghpur, MP Samwad.

A 5-year-old girl’s life endangered as Gadarwara Govt Hospital doctors refused treatment and ambulance staff faked vehicle breakdown. Parents waited 3 hours while officials passed responsibility. Police intervention finally secured transport, exposing shocking malpractice of intentionally removed ambulance batteries. Systemic healthcare failure under scrutiny.

MP संवाद, गाडरवारा। नरसिंहपुर जिले का शासकीय सिविल अस्पताल गाडरवारा एक बार फिर विवादों में घिर गया है। डॉक्टरों की कमी, खराब व्यवस्था और सुरक्षाकर्मियों की लापरवाही के आरोपों से जूझ रहे इस अस्पताल में अब एक मासूम बच्ची के साथ हुए दुर्व्यवहार ने आक्रोश पैदा कर दिया है।

ग्रामीणांचल मुंहपानी के परिजनों ने अपनी 5 साल की बच्ची को इलाज के लिए अस्पताल लाया, लेकिन इमरजेंसी डॉक्टर ने बिना उचित उपचार के ही खून की कमी का हवाला देकर उसे नरसिंहपुर जिला अस्पताल रेफर कर दिया। इसके बाद परिजनों ने 108 एम्बुलेंस के लिए लगातार फोन किया, लेकिन 3 घंटे तक कोई वाहन नहीं पहुंचा।

नतीजतन, परिजनों ने बच्ची को अस्पताल के मुख्य गेट पर रखकर मदद की गुहार लगानी शुरू कर दी। हैरानी की बात यह रही कि अस्पताल प्रभारी डॉ. उपेंद्र वस्त्रागार मौके पर मौजूद नहीं थे और न ही उन्होंने फोन उठाया। ड्यूटी डॉक्टर ने भी अपनी जिम्मेदारी से इनकार करते हुए कहा, “मैंने रेफर कर दिया, एम्बुलेंस की व्यवस्था मेरे दायरे में नहीं है।”

पुलिस के हस्तक्षेप के बाद ही एनटीपीसी द्वारा प्रदत्त एक एम्बुलेंस से बच्ची को नरसिंहपुर भेजा जा सका। गौरतलब है कि इसी एम्बुलेंस को पहले खराब बताया जा रहा था, जबकि वास्तव में उसकी बैटरी जानबूझकर निकालकर रख दी गई थी।

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