Lack of facilities in Katni District Hospital, Patients admitted in the veramdah, no arrangements.
कटनी विशेष संवाददाता एमपी संवाद.
कटनी। सुविधाओं के नाम पर मरीज के साथ खेल हो रहा है बताया गया है कि जिला अस्पताल कुछ वर्षों से मरीजों के लिए समस्याओं का पर्याय बन गया है। यहां बेहतर इलाज और सुविधाओं के दावों के बावजूद हकीकत पूरी तरह उलट है। अस्पताल में आने वाले मरीजों को ओपीडी पर्ची बनवाने से लेकर डॉक्टर से इलाज कराने तक हर कदम पर जद्दोजहद करनी पड़ती है। सुविधाओं का अभाव मरीजों और उनके परिजनों के लिए बड़ी समस्या बन गया है।
जिला अस्पताल में मौजूदा समस्याएं मरीजों और उनके परिजनों के लिए बड़ी चुनौती बन गई हैं। सुविधाओं का विस्तार और प्रबंधन में सुधार आवश्यक है। प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए ठोस कदम उठाने चाहिए ताकि मरीजों को राहत मिल सके और जिला अस्पताल में व्यवस्था को सुधारा जा सके।
अस्पताल में बेड की भारी कमी के कारण मरीजों को बरामदे और फर्श पर लिटाकर इलाज किया जा रहा है। पुरानी बिल्डिंग हो या ट्रामा सेंटर, हर जगह पर बेड के अभाव में मरीज ठंडी फर्श पर लेटे रहने को मजबूर हैं। ठंड के मौसम में यह स्थिति और भी गंभीर हो गई है। मरीजों के साथ आए परिजन भी इस स्थिति से बेहद परेशान हैं। हाड़ कंपाने वाली ठंडी का दौर शुरू हो गया है, ऐसे में बरामदे में खुली हवा के बीच इलाज कराना मरीजों के मर्ज को और बढ़ाने जैसी नौबत है। मरीज के परिजन रमेश सिंह ने कहा, मेरे पिता को ट्रामा सेंटर में भर्ती करने की कोशिश की गई, लेकिन बेड खाली न होने के कारण उन्हें बरामदे में लिटाया गया। ठंड के कारण उनकी हालत खराब है
अस्पताल में वार्डों की संख्या भी जरूरत के हिसाब से कम है। ट्रामा सेंटर और अन्य विभागों में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को लंबे समय तक इंतजार करना पड़ता है। पेयजल, साफ-सफाई, और अन्य बुनियादी सुविधाओं का भी अभाव है। अस्पताल परिसर में गंदगी और खराब शौचालय स्थिति को और बदतर बना देते हैं।
बैठकों के निर्णय कागजों तक सीमित सुविधाएं बढ़ाने का प्रस्ताव पास किया गया था, लेकिन यह निर्णय अभी तक अमल में नहीं लाया गया है। कई महीनों से मरीज और उनके परिजन इस समस्या से जूझ रहे हैं, लेकिन प्रबंधन और अधिकारियों की ओर से कोई कदम नहीं उठाया गया।
जनप्रतिनिधियों और प्रशासन की मरीजों के हित में अस्पताल प्रबंधन, जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी उदासीन बने हुए हैं। सुविधाओं के विस्तार और प्रबंधन में सुधार के लिए न तो कोई ठोस कदम उठाया जा रहा है और ना ही किसी प्रकार की जवाबदेही तय की गई। नागरिकों की मांग है कि सुविधाएं बढ़ाने की जरूरत है। बेड की संख्या बढ़ाई जाए, अतिरिक्त वार्ड और कमरे बनाए जाएं, ठंड के मौसम में बरामदे में लेटे मरीजों के लिए हीटर और पर्याप्त कंबल उपलब्ध कराए जाएं, साफ-सफाई और शौचालयों की स्थिति में सुधार किया जाए। हालांकि जिला चिकित्सालय में चारों तरफ से मरीज आते हैं तो यह समस्या उत्पन्न हो जाती है
इनका कहना है
मरीज को ठंड के मौसम में जरूरत के हिसाब से कंबल दे रहे हैं और दूसरे वार्डो में शिफ्ट कर रहे हैं
डॉ यशवंत वर्मा सिविल सर्जन जिला चिकित्सालय कटनी