National Green Tribunal imposed a fine of 4 crore 96 lakh on the municipal corporation and all three municipal councils.
Mohan Nayak
कटनी। वैसे तो नगर निगम और नगर परिषद आये दिन अपने क्षेत्राधिकार में लोगों पर पेनॉल्टी ठोकते रहते हैं लेकिन इस बार ये संस्थान खुद पेनॉल्टी की जद में आ गए हैं जहां इन पर करोड़ों रुपए का जुर्माना ठोका गया है।
दरअसल मामला नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल से जुड़ा है, जहां एन जी टी ने नगर निगम सहित तीन नगर परिषदों को गंदे पानी को बिना ट्रीटमेंट के नदियों में छोड़ने पर रोक लगाया था, और निर्देशित किया था कि वे 2020 तक एस टी पी बनवा लें, लेकिन एन जी टी के आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए ये तमाम संस्थान सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट ना लगा कर शहर और नगर के गंदे नाले के पानी को सीधा नदी में पहुंचा रहे थे। प्रवधान के मुताबिक सीवेज प्लांट में गंदा पानी पहुंचने के बाद उसका ट्रीटमेंट किया जाना चाहिए और उस जल का उपयोग पेड़ पौधों की सिंचाई जैसे कामों में किया जाना चाहिए लेकिन तमाम नगर निगम और नगर परिषद इसका सीधा उलंघन कर रहे थे। जिसको लेकर एक प्रकरण दर्ज किया गया और प्रदूषण विभाग ने बकायदा इसकी जांच कर रिपोर्ट नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल को सौंप दिया।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने रिपोर्ट के आधार पर नगर निगम और तीनों नगर परिषदों पर जुर्माना ठोंक दिया है। एन जी टी के मुताबिक कटनी नगर निगम को इस गलती के लिए 2 करोड़ 44 लाख रूपए का भुगतान करना पड़ेगा वहीं नगर परिषद कैमोर को 1 करोड़ 44 लाख और बरही को 44 लाख के साथ हीं विजयराघवगढ नगर परिषद को भी 44 लाख रुपए जुर्माना भरने का आदेश जारी किया है।
इनका कहना है
एनजीटी द्वारा जुर्माना लगाया गया है। नगर निगम के पास फिलहाल यह सुविधा उपलब्ध नहीं है इसके लिए शासन से नगर निगम पैरवी कर रहा है और मोहलत मांगने के प्रयास किए जा रहे हैं।