राजगढ़ स्वास्थ्य तंत्र की पोल – एक्सीडेंट पीड़ित को नहीं मिला समय पर इलाज.


Rajgarh Health System Exposed – Accident Victim Did Not Receive Timely Treatment.
Special Correspondent, Rajgarh, MP Samwad.
Rajgarh’s Jirapur Government Hospital exposed shocking negligence as accident victims and pregnant women were left waiting without doctors or staff. Emergency patients were forced to suffer due to missing medical care, while doctors and nurses were busy attending feasts. The incident reveals the collapsing healthcare system of Madhya Pradesh.
MP संवाद, राजगढ़ जिले के जीरापुर सरकारी अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। रविवार दोपहर लगभग 12 बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में न तो कोई इमरजेंसी डॉक्टर मौजूद था और न ही इंजेक्शन या बोतल लगाने वाला कोई स्टाफ। मरीज और उनके परिजन इलाज के लिए भटकते रहे, जबकि डॉक्टर और नर्स निमंत्रण में भोजन करने गए थे।
एक्सीडेंट पीड़ित मरीज को समय पर इलाज नहीं
सोयत निवासी सुरेश छपरीबंद मोटरसाइकिल से जीरापुर आ रहे थे, तभी एक कार ने उन्हें टक्कर मार दी। घायल अवस्था में परिजन उन्हें जीरापुर अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन वहां इलाज के लिए कोई मौजूद नहीं था। मजबूरी में 30 मिनट बाद स्टाफ मरीज को ड्यूटी डॉक्टर प्रियंका नरवरिया के घर ले गया। डॉक्टर घर से मरीज को अस्पताल लाई और तब जाकर उनका प्राथमिक उपचार हुआ।
गंभीर मरीजों को 30-30 मिनट इंतजार
इसी तरह, भेरूसिंह और प्रहलाद सिंह चौहान को तबीयत खराब होने पर अस्पताल लाया गया। लेकिन वहां भी न डॉक्टर मिले और न ही इंजेक्शन लगाने वाला स्टाफ। करीब आधे घंटे बाद नर्स ऋतु हरले, जो दावत में गई हुई थीं, लौटकर आईं और तब जाकर इलाज शुरू हो पाया।
प्रसव पीड़ित महिलाएं भी रहीं परेशान
डिलीवरी वाली महिलाओं को आयरन की बोतल चढ़ाने के लिए आधे घंटे से अधिक इंतजार करना पड़ा। उनके परिजन अस्पताल में स्टाफ को ढूंढते रहे कि आखिर बोतल बदलेगा कौन, लेकिन वहां कोई उपलब्ध नहीं था।
ड्यूटी डॉक्टर का गैर-जिम्मेदाराना बयान
जब ड्यूटी डॉक्टर प्रियंका नरवरिया से अस्पताल की बदहाल व्यवस्था को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा – “मुझे नहीं पता, बीएमओ साहब जाने स्टाफ कहां गया। इसमें मैं क्या करूं।” यह बयान अपने आप में अस्पताल की लापरवाही और गैर-जिम्मेदारी को उजागर करता है।