You must have heard of food poisoning, but what is water poisoning?
फूड पॉइजनिंग को आम बोलचाल की भाषा में समझे तो गंदा आ दूषित खाना खाने से यह बीमारी होती है. गंदा खाना खाने से बैक्टीरिया शरीर में घुस जाता है और फिर यह शरीर को बीमार कर देता है.
फूड पॉइजनिंग को आम बोलचाल की भाषा में समझे तो गंदा आ दूषित खाना खाने से यह बीमारी होती है. गंदा खाना खाने से बैक्टीरिया शरीर में घुस जाता है और फिर यह काफी ज्यादा परेशानी करता है. कुछ तो अपने आप ठीक हो जाते हैं लेकिन कुछ लोगों के शरीर में इसके खतरनाक रिएक्शन दिखते हैं.
फूड पॉइजनिंग क्यों होता है?
कुछ लोगों पर फूड पॉइजनिंग का ऐसा असर होता है कि इससे उनकी जान भी जा सकती है. फूड पॉइजन कई कारणों से हो सकता है जैसे- अधपका मांस, कच्ची सब्जियां, गंदे तरीके से पकाया हुआ खाना. जिन लोगों की इम्युनिटी कमजोर है उन्हें खाना खाने के दौरान इन बातों का खास ख्याल रखना चाहिए कि जो वो खा रहे हैं वह पका, साफ और अच्छा या नहीं वरना वह इससे गंभीर रूप से बीमार हो सकते हैं.
फूड पॉइजनिंग किसी को कभी भी हो सकती है. एबीपी लाइव हिंदी ने ‘आकाश हेल्थकेयर’ के कंसल्टेंट डॉक्टर सरोज कुमार यादव से खास बातचीत की. डॉक्टर सरोज यादव ने बताया कि अक्सर गर्मियों या मॉनसून के दौरान फूड पॉइजनिंग की समस्या ज्यादा होती है. खासकर हमने यह जानने की भी कोशिश की वॉटर पॉइजनिंग क्या होता है?खासकर कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों को इस बीमारी का खतरा काफी ज्यादा रहता है. शरीर में इस तरह की समस्या हो जाए तो शरीर पर कुछ इस तरह के लक्षण दिखाई देते हैं.
वॉटर पॉइजनिंग क्या होता है?
हाइपोनाट्रेमिया एक ऐसी कंडीशन होती है. जिसमें खून में सोडियम की मात्रा जरूरत से ज्यादा कम हो जाती है. ऐसा उस कंडीशन में होता है जब शरीर में पानी की जरूरत से ज्यादा होने जाने की वजह से सोडियम उसमें घुलता है. इसके कारण दिमाग की सेल्स यानी कोशिकाओं में सूजन आ जाती है. इस सूजन को सेरिब्रल ओएडेमा कहते हैं. इससे इलेक्ट्रोलाइट्स में कमी होने लगती है.
वॉटर पॉइजनिंग का शरीर पर असर
कम पानी पीने से शरीर में कई तरह के नुकसान होते हैं लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जरूरत से ज्यादा पानी पीने से भी शरीर को काफी ज्यादा नुकसान होता है. यहां तक कि मौत भी हो सकती है. वॉटर इनॉक्सिकेशन या वॉटर पॉइजनिंग भी कहते हैं. ज्यादा पानी पीने से ब्रेन ठीक से फंक्शन नहीं करता है. साथ ही साथ ब्लड में पानी की मात्रा बढ़ने लगती है. इसे ही वाटर पॉइजनिंग कहते हैं.
वाटर पॉइजनिंग के कारण ब्लड में सोडियम का लेवल धीरे-धीरे कम होने लगता है. जिसका ब्रेन पर सीधा असर होता है और व्यक्ति कोमा में भी जा सकता है. शरीर में सोडियम की मात्रा कम होने पर ब्रेन और शरीर के सेल्स में सूजन भी हो सकती है. इसे सेल्युलर स्वेलिंग कहते हैं.