Uproar in the House over nursing scam, proceedings adjourned for the day
भोपाल ! सोमवार से विधानसभा का मानसून सत्र शुरू हुआ. पहले ही दिन विधानसभा की कार्यवाही हंगामेदार रही. कांग्रेस की तरफ से भाजपा सरकार को नर्सिंग घोटाले को लेकर घेरा गया.
विपक्ष ने सदन में नर्सिंग घोटाले को लेकर जमकर हंगामा किया. विपक्ष ने इस दौरान स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा कराने की मांग की. नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सदन में यह मामला उठाया. इस पर संसदीय कार्यमंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने तर्क दिया कि जो मामला न्यायालय में चल रहा है उसकी सदन में चर्चा की जरूरत नहीं है. इसके बाद स्थगन को लेकर सदन में पक्ष-विपक्ष के नोंकझोंक हुई और विधानसभा की कार्यवाही एक बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. बाद में हंगामा के चलते दिन भर के लिए कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई.
इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि सोमवार को सदन की शुरुआत है. यह बहुत महत्वपूर्ण है. जो घोटाले हुए है उन सबका पर्दाफाश होना है. इतने घोटाले हैं कि गिनना मुश्किल है. कौन सा घोटाला नहीं हुआ. हर तरफ घोटाला ही घोटाला है. विधायक देवेंद्र कुमार जैन ने सहकारी बैंक में घोटाले का आरोप लगाया. उन्होंने जानकारी मांगी कि शिवपुरी सहकारी बैंक में कौन-कौन अधिकारी घोटाले में लिप्त हैं, ये बताया जाए. इस पर मंत्री विश्वास सांरग ने कहा कि इसकी जांच चल रही है. दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
सरकार सभी विषय पर चर्चा के लिए तैयार: सीएम
दूसरी ओर, स्थगन प्रस्ताव को लेकर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि सरकार सभी विषयों पर चर्चा के लिए तैयार है. लेकिन, सदन की कुछ परंपराएं हैं. स्थगन के बजाय ध्यान आकर्षण लाएं, सरकार चर्चा के लिए तैयार है. सीएम मोहन यादव ने कहा कि हमारी सरकार डरने वाली नहीं है. कोई उत्तेजना से बात करेगा तो सुनने की आदत हमारी भी नहीं है. इसके बाद ध्यानाकर्षण में दिनेश गुर्जर ने मुरैना में हाई टेंशन लाइट का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि मुरैना की आवासीय घरों के ऊपर हाई टेंशन की लाइन गुजर रही है. करीब दर्जन घर से अधिक लोगों की मृत्यु हो चुकी है, इसकी वजह से जनता के बीच आक्रोश पैदा हो रहा है.
नर्सिंग घोटाले पर कांग्रेस का विरोध
जानकारी के मुताबिक कांग्रेस नेता यहां एप्रिन पहनकर पहुंचे थे. कांग्रेस नेताओं ने तय किया है कि नर्सिंग घोटाले पर स्थगन प्रस्ताव लाएगी. इस बारे में विधायक विक्रांत भूरिया ने कहा कि “देखिए यह आगाज है. सत्ता को जवाबदेह बनना पड़ेगा. जो सरकार रहती है. उसकी जवाबदारी क्या है? स्वास्थ्य देना सुरक्षा देना और शिक्षा देना इन तीनों में पूरी तरह से सरकार विफल रही है.” भूरिया ने आगे कहा “जिस तरह से पहले व्यापम के माध्यम से फर्जी डॉक्टर तैयार करे गए और आज नर्सिंग घोटाले के माध्यम से फर्जी पैरामेडिकल स्टाफ तैयार किया गया है. क्या जनता के लोगों की या आम जनता की जान की कोई कीमत नहीं है? पैसा ही सब कुछ है? यह तो कोर्ट की जब फटकार पड़ी तब जाकर पता लगा कि सारे कॉलेजों में जबरदस्त धांधली चल रही है. अब बात यहां नहीं रुकेगी अब बात है तो लंबी जाएगी. नियम किसने 2018 में बनाए फर्जी कॉलेजों को मान्यता किसने दी? यह सबसे बड़ा सवाल है और इसमें विश्वास सारंग जवाबदेह हैं और उनको इस्तीफा देना चाहिए.”