लातूर में दर्जी के बेटे ने 24 की उम्र में चार प्रतियोगी परीक्षाएं उत्तीर्ण कीं

लातूर
 महाराष्ट्र के लातूर में एक दर्जी के 24 वर्षीय बेटे ने प्रतिभा और दृढ़ निश्चय का असाधारण उदाहरण पेश करते हुए बहुत कम समय के भीतर चार प्रतियोगी परीक्षाएं उत्तीर्ण कीं, हालांकि उनका इरादा यहीं रुकने का नहीं बल्कि प्रथम श्रेणी का अधिकारी बनने के अपने सपने को पूरा करने का है।

महाराष्ट्र के लातूर जिले के निलंगा कस्बे में रहने वाले नरसिंह विश्वनाथ जाधव एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं। नरसिंह के पिता विश्वनाथ जाधव पेशे से दर्जी हैं।

नरसिंह जाधव अपने पहले ही प्रयास में सिविल इंजीनियर सहायक (सीईए) की परीक्षा उत्तीर्ण कर परभाणी जिले के सेलु में लोक निर्माण विभाग में सीईए के पद पर तैनात हुए हैं।

परीक्षा के परिणाम की घोषणा 16 मार्च 2024 को हुई थी।

उनकी अन्य उपलब्धियों में पालघर जिला परिषद में कनिष्ठ अभियंता और जल संसाधन विभाग में सीईए के परीक्षा उत्तीर्ण करना है।

नरसिंह ने कनिष्ठ अभियंता की परीक्षा में प्रथम स्थान हासिल किया था, जिसके नतीजों को घोषणा मार्च में ही हुई थी।

नरसिंह जाधव ने पालघर जिला परिषद में सीईए की परीक्षा भी पास की, जिसका परिणाम बुधवार को घोषित किया गया।

चूंकि ये सभी पद प्रथम श्रेणी में नहीं आते इसलिए नरसिंह ने राजपत्रित अधिकारी बनने के अपने सपने को पूरा करने के लिए पढ़ाई जारी रखने और अधिक परीक्षाएं देने का संकल्प लिया है।

नरसिंह जाधव ने कहा, ”मैंने प्रथम श्रेणी अधिकारी का पद हासिल करने की महत्वाकांक्षा के साथ अपना सफर शुरू किया और इस दिशा में लगातार कड़ी मेहनत की। हालांकि मैं लोक निर्माण विभाग में सीईए के रूप में शामिल हो गया हूं लेकिन मैं अपनी पढ़ाई यहां नहीं रोकूंगा और प्रथम श्रेणी का अधिकारी बनने के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने का प्रयास जारी रखूंगा। मुझे अपने चाचा डॉ. सतीश जाधव से प्रेरणा मिली।”

नरसिंह के चाचा शिक्षक हैं।

नरसिंह जाधव ने अपनी स्कूली शिक्षा निलंगा के महाराष्ट्र विद्यालय से पूरी की। इसके बाद उन्होंने लातूर के पूरनमल लाहोटी पॉलिटेक्निक से पढ़ाई की और फिर पुणे के सिंहगढ़ कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की।

नरसिंह ने कई चुनौतियों और वित्तीय समस्याओं का सामना करते हुए कड़ी मेहनत की है। नरसिंह जाधव प्रतियोगी परीक्षाओं में उत्कृष्टता प्राप्त करने के इच्छुक अभ्यर्थियों के लिए एक आदर्श बन गए हैं।

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