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साउथ इंडियन मूवी “जीने नहीं दूंगा” कि राह पर प्रदेश का पीडब्ल्यूडी विभाग

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State’s PWD department on the path of South Indian movie “Jeene Nahi Dunga”

प्रदेश में पीडब्ल्यूडी का नवाचार, मोबाइल से गड्ढों की जियोटेग्ड फोटो भेजो, शिकायत होगी दूर

  • पाटहोल रिपोर्टिंग सिटीजन मोबाइल एप होगा तैयार
  • इस पर फोटो अपलोड होते ही होगी कार्रवाई
  • लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने इस नवाचार को तत्काल लागू करने के निर्देश दिए

प्रदेश में पीडब्ल्यूडी का नवाचार, मोबाइल से गड्ढों की जियोटेग्ड फोटो भेजो, शिकायत होगी दूर राज्य स्तर से शिकायतों की निगरानी एवं निराकरण सुनिश्चित किया जाएगा। लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने इस नवाचार को तत्काल लागू करने के निर्देश दिए हैं।

भोपाल । लोक निर्माण विभाग सड़कों के गड्ढों की समय से पहचान करने एवं त्वरित सुधार के लिए पाटहोल रिपोर्टिंग सिटीजन मोबाइल एप तैयार करेगा। इस एप के माध्यम से आम नागरिक अपने मोबाइल से गड्ढों की जियोटैग की हुई फोटो भेज सकेंगे।

गड्ढों का फोटो जीपीएस लोकेशन सहित संबंधित कार्यपालन यंत्री को प्राप्त होगा। संबंधित यंत्री नियत समय सीमा में सड़क पर सुधार करवाकर सुधार कार्य का फोटो पुनः मोबाइल एप पर अपलोड करेंगे, जिसकी सूचना संबंधित नागरिक को भी मिलेगी।

राज्य स्तर से शिकायतों की निगरानी एवं निराकरण सुनिश्चित किया जाएगा। लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने इस नवाचार को तत्काल लागू करने के निर्देश दिए हैं। वे मंत्रालय वल्लभ भवन में लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक ले रहे थे। बैठक में विभाग के प्रमुख सचिव डीपी आहूजा, सड़क विकास निगम के प्रबंध संचालक अविनाश लवानिया और संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि लोक निर्माण से लोक कल्याण के संकल्प के साथ कार्य कर प्रदेश को अधोसंरचना विकास के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों पर लेकर जाना है। कार्यों के लिए समयबद्ध कार्ययोजना बनाई जाए व कार्यों की गुणवत्ता के लिए मानिटरिंग की विशेष व्यवस्था के साथ क्वालिटी आडिट किया जाए।

बड़ी योजनाओं की मानिटरिंग के लिए अलग सेल गठित किया जाए। नई एफडीआर (फुल डेप्थ रिक्लेमिनेशन) तकनीक से सड़क निर्माण कर लागत में 15 से 30 प्रतिशत तक की कमी आ जाती है। सिंह ने एफडीआर तकनीक का उपयोग शहरी मार्गों पर करने की बात कही। उन्होंने कहा कि प्रायोगिक तौर पर माइक्रोसर्फेसिंग एवं व्हाइट टापिंग के लिए जबलपुर एवं भोपाल में कुछ मार्गों का चयन किया जा सकता है।

इंटीग्रेटेड प्रोजेक्ट मैनेजमेंट सिस्टम से समस्त अनुमतियां कंप्यूटरीकृत प्रणाली से जारी होने पर परियोजना प्रबंधन में पारदर्शिता आएगी। निर्माण कार्यों की वित्तीय एवं भौतिक प्रगति की (रियल टाइम) मानिटरिंग संभव होगी। मंत्री ने निर्देश दिए कि कम्प्यूटरीकरण का यह कार्य 100 दिवस में लागू करें।

प्रत्येक 15 दिवस में हो मंत्री ने निर्देश दिए कि दो वर्ष से अधिक विलंब वाले प्रोजेक्ट की समीक्षा प्रत्येक 15 दिवस में की जाए। नई सड़कों का चयन कर निविदा कार्रवाई प्रारंभ करें। मासिक कार्य योजना में लक्ष्य निर्धारित कर कार्य किए जाएं एवं माह के अंत में प्रगति की नियमित समीक्षा की जाए। एक विभागीय डैशबोर्ड तैयार किया जाए, जहां विभाग के कार्यों की संपूर्ण जानकारी जैसे प्रगति, लागत आदि आमजन की जानकारी के लिए उपलब्ध हो। उन्होंने निर्देश दिए कि वर्तमान सड़कों पर एरियल डिस्टेंस का उपयोग कर दूरी कैसे कम की जाए इस पर विचार करें।

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