Union Minister Smriti Irani’s statement on the Global Hunger Index has faced criticism from the opposition.
Manish Trivedi
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने ग्लोबल हंगर इंडेक्स पर कहा की ‘वे ये सूचकांक बनाते कैसे हैं? 140 करोड़ के देश के 3,000 लोगों को गैलप से फोन आता है और उनसे पूछा जाता है- क्या आप भूखे हैं? … मैं दिल्ली में मेरे घर से सुबह चार बजे निकली थी. मैंने कोच्चि जाने के लिए पांच बजे फ्लाइट पकड़ी. वहां एक कॉन्क्लेव में हिस्सा लेने के बाद शाम पांच बजे यहां आने के लिए फ्लाइट ली. जब तक मुझे खाना मिलेगा, दस बज चुका होगा. अगर दिनभर में आपने कभी भी मुझे कॉल करके पूछा होता कि क्या मैं भूखी हूं, मैं बिल्कुल हां कहती.’ केंद्रीय मंत्री ने फिर कहा की ‘क्या आप यकीन करेंगे कि इस तरह का सूचकांक कह रहा है कि पाकिस्तान भारत से बेहतर कर रहा है.’
गुरुवार को हैदराबाद में फिक्की के एक कार्यक्रम में शामिल हुई ईरानी का एक वीडियो सामने आया है जिसमें वे कहती दिख रही हैं कि ग्लोबल हंगर इंडेक्स समेत कुछ सूचकांक जानबूझकर भारत की सच्चाई पेश नहीं करते.’
इस बयान पर विपक्ष की काफी तीखी प्रतिक्रिया सामने आयी, अपने एक ट्वीट में कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने केंद्रीय मंत्री के बयान की आलोचना की है,
शिवसेना की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी ईरानी के बयान पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने एक ट्वीट में उन पर तंज़ करते हुए लिखा, ‘खाने के लिए समय न होना = बमुश्किल कुछ खाने के लिए होना! अगर अहंकार का चेहरा होता, तो मंत्रीजी जैसा ही होता.’