

Crackdown in Satna: 17 schools fined ₹36L for violating NCERT book rules!
Ignoring NCERT? Collector Slaps 17 Schools with Ultimatum – ₹36 Lakh Penalty!
Special Correspondent, Satna, MP Samwad.
सतना कलेक्टर ने 17 प्राइवेट स्कूलों पर NCERT किताबें न चलाने पर 36 लाख का जुर्माना ठोका! जांच में निजी प्रकाशकों की किताबें पकड़ी गईं। अभिभावकों की शिकायत के बाद कार्रवाई। स्कूलों को 7 दिन में जुर्माना भरने का आदेश। शिक्षा विभाग निगरानी में जुटा।
Satna Collector fines 17 private schools ₹36 lakh for ignoring NCERT books mandate! Probe reveals private publishers’ books being used, sparking parental complaints. Strict action taken after verification. Schools given 7 days to pay penalty. Education department monitoring compliance.
MP संवाद, सतना। जिला कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस द्वारा कराई गई जांच में यह पाया गया कि प्राइवेट स्कूल संचालक शासन के निर्देशों की अवहेलना करते हुए निजी प्रकाशकों की किताबें चला रहे हैं, जबकि उन्हें NCERT की पाठ्यपुस्तकें लागू करने का आदेश था। इस पर कड़ी कार्रवाई करते हुए कलेक्टर ने 17 स्कूलों पर कुल 36 लाख रुपये का अर्थदंड लगाया है। इसके बाद से निजी स्कूलों में हड़कंप मचा हुआ है।
किन स्कूलों पर गिरी गाज?
जिन स्कूलों पर जुर्माना लगाया गया है, उनमें शामिल हैं:
- 2-2 लाख रुपये का जुर्माना: माउंट लेट्रा जी स्कूल, ब्लूम्स एकेडमी, सेंट माइकल सीनियर सेकंडरी स्कूल, एकेडमिक हाईट्स पब्लिक स्कूल, द विट्स स्कूल, डी पॉल स्कूल, प्रियम्बदा बिरला स्कूल, चाणक्य पब्लिक स्कूल, क्राइस्ट ज्योति सीनियर सेकंडरी, द लवडेल सीनियर सेकंडरी, बोनांजा कान्वेंट, दिल्ली पब्लिक स्कूल, सीएमए स्कूल, भारतीय विद्या भवन, सदगुरु पब्लिक स्कूल, स्वामी विवेकानंद पब्लिक स्कूल।
- 4 लाख रुपये का जुर्माना: गुरुकुलम उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, टिकुरिया टोला।
अभिभावकों की शिकायत पर हुई कार्रवाई
जिला शिक्षा अधिकारी टी.पी. सिंह ने बताया कि अभिभावकों की कई शिकायतों के बाद कलेक्टर ने दो जांच टीमें गठित की थीं। पहली टीम का नेतृत्व एसडीएम राहुल सिलाडिया ने किया, जबकि दूसरी टीम एसडीएम स्वप्निल वानखेड़े के निर्देशन में कार्यरत थी। इसके अलावा, शिक्षा विभाग की टीम भी स्कूलों का निरीक्षण कर रही थी, जिसमें डीईओ आलोक सिंह और मान्यता प्रभारी राजीव अर्गल शामिल थे।
जांच के दौरान स्कूलों से पाठ्यपुस्तकों की चेकलिस्ट मांगी गई, जिसकी पोर्टल से तुलना की गई। इससे पता चला कि कोई भी स्कूल NCERT की किताबें नहीं चला रहा था। साथ ही, अभिभावकों पर यूनिफॉर्म और अन्य शैक्षणिक सामग्री खरीदने का दबाव बनाया जा रहा था।
7 दिनों में जमा करना होगा जुर्माना
कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस ने सभी स्कूलों को 7 दिन के भीतर जुर्माने की राशि जिला शिक्षा विभाग के खाते में जमा करने और पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।