Rural areas are not paying adequate attention to the issue of water scarcity.
Special Correspondent.
कटनी /उमरियापान। जिम्मेदारों एवं लोक स्वास्थ्य यात्रीकी विभाग की उदासीनता के चलते ग्रामीण पीड़ा झेल रहे हैं ढीमरखेड़ा तहसील क्षेत्र के घुघरा ग्राम पंचायत के टोपी गांव में हैंडपंपों के बंद होने से ग्रामीण परेशान हैं। दर्जनों बाद लिखित, मौखिक शिकायत करने के बाद भी हैंडपंप नहीं सुधरे है। बीते कई वर्षों से टोपी गांव में रहने वाले लोग पीने के पानी के लिए परेशान हो रहे हैं।दरअसल, यहां तीन -चार हैंडपंप है वह भी बंद हैं। इससे दिक्कत यह हो रही है लोगों को पीने का पानी नहीं मिल रहा है। यहां रहने वाले अरविंद पटेल, अभिषेक पटेल, सुरेंद्र यादव,सुमित पटेल समेत अन्य ने बताया कि एक हैंडपंप स्कूल के पास लगा है। जिसमें तनिक पानी निकलता है। दूसरा हैंडपंप वर्षों से बंद है जबकि तीसरे हैंडपंप से तो सामाग्री ही गायब हो गई है। हैंडपंप पोल के सहारे खड़ा है। समर्सियल भी नहीं पड़ा। सभी हैंडपंप शोपीस बनकर रह गए हैं।गांव के लोग खेतों में लगे बोरबोल से पानी लाते हैं।पानी को लेकर सबसे ज्यादा समस्या महिलाओं को होती है। गांव की महिलाओं ने बताया कि शिकायत तो अनेकों बार किया लेकिन फायदा नहीं मिला। यूं तो गांव में तीन से चार हैंडपंप हैं, लेकिन इनमें से तीन हैंडपंप खराब हैं। उन्होंने बताया कि एक हैंड पंप तो पिछले लंबे समय से खुला ही पड़ा है, लेकिन अभी तक ठीक नही हो सका है। जिसके चलते ग्रामीणों को दूर पानी लाकर अपनी प्यास बुझानी पड़ रही है। ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत के जिम्मेदारों सहित जनप्रतिनिधियों पर लापरवाही आरोप लगा रहे है। ग्रामीणों ने बताया कि गांव के लोग चंदा इकट्ठा करके पानी का पाइप खरीदकर लाये हैं। खेतों में बने बोरबोल से गांव तक पाइप बिछाया है। पाइप से गांव तक पानी पहुँचता है जिससे लोग पानी भरते हैं। अब देखना यह होगा की समस्या का निदान कब तक किया जाता है