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रीठी CHC में ताले में बंद दवाएं! मरीज बेहाल, फार्मासिस्ट नदारद.

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Negligence at Reethi health centers in Katni district, no CHO, missing test kits, villagers suffer due to lack of medical care

Medicines Locked Up in Reethi CHC! Patients Suffer, Pharmacists Missing.

Mohan Nayak Special Correspondent, Bhopal, MP Samwad.

At Reethi Community Health Center, essential medicines remain locked away despite the presence of two pharmacists. Patients are forced to return without treatment. Allegations of black marketing and unauthorized medicine distribution have surfaced. The Chief Medical Officer has promised an investigation after reports of regulatory violations and missing stock records.

MP संवाद, कटनी, मध्यप्रदेशरीठी विकासखंड स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गया है। जहां एक ओर सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं सुदृढ़ करने के लिए सैकड़ों योजनाएं चला रही है, वहीं रीठी CHC में मरीजों को आवश्यक दवाएं तक नहीं मिल रही हैं।

हैरान कर देने वाली स्थिति यह है कि केंद्र में दो फार्मासिस्ट पदस्थ होने के बावजूद दवा भंडार कक्ष पर ताला लटका रहता है।

📌 क्या है मामला?

सूत्रों के अनुसार, फार्मासिस्टों के लिए अलग से दवा भंडारण कक्ष उपलब्ध है, जो हमेशा खुला रहना चाहिए ताकि जरूरतमंद मरीजों को समय पर दवा मिल सके। लेकिन यहां मरीज घंटों लाइन में लगने के बाद भी खाली हाथ लौट जाते हैं।

📉 दवाओं का संकट और लापरवाही

  • शासन के अनुसार, CHC में 373 प्रकार की आवश्यक दवाएं हमेशा उपलब्ध रहनी चाहिए।
  • रीठी CHC में केवल 8 से 10 सामान्य दवाएं ही दी जा रही हैं, जैसे – पैरासिटामोल, सिट्राजिन, ORS, आयरन टेबलेट्स।
  • ज़रूरी दवाएं जैसे एंटीबायोटिक्स, महिलाओं और बच्चों की दवाएं, हृदय रोग की दवाएं गायब हैं।

❌ बिना फार्मासिस्ट, हो रहा दवा वितरण

सबसे गंभीर बात यह है कि दवाएं फार्मासिस्ट की गैरमौजूदगी में डी.डी. सपोर्टर स्टाफ द्वारा वितरित की जा रही हैं। यह न सिर्फ नियमों का उल्लंघन है, बल्कि मरीजों की जान जोखिम में डालने जैसा है। प्रशिक्षित फार्मासिस्ट के बिना दवा की खुराक और उपयोग सही तरीके से बताना संभव नहीं होता।

🗣️ जिम्मेदारों का पक्ष:

मुख्य जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राज सिंह ठाकुर ने कहा:

“दवाइयों का वितरण नियमानुसार फार्मासिस्ट को ही करना चाहिए। डी.डी. सपोर्टर स्टाफ साथ में रह सकता है। अगर इससे जुड़े आरोप सही पाए जाते हैं तो जांच कराई जाएगी।”

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