मध्य प्रदेश में चुनाव आचार संहिता के दौरान प्रशासन व पुलिस ने अरबों रुपए की नकदी व शराब पकड़ी।

During the election code of conduct in Madhya Pradesh, the administration and police seized cash and liquor worth billions of rupees.

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव आचार संहिता में जब्ती के आंकड़े हुए उजागर। 335 करोड़ 76 लाख रुपये से अधिक की नकदी, शराब व सोना चांदी हुआ जब्त।

उदित नारायण

भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में शांतिपूर्ण तरीके से मतदान प्रक्रिया को सम्पन्न कराने के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों का पालन करते हुए आचार संहिता लागू होने से लेकर अब तक मध्य प्रदेश शासन और पुलिस व अन्य विभागों द्वारा अवैध गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए लगातार चलाए गए अभियानों में अरबों रुपए का मसरूका जब्त होने का खुलासा हुआ है। इस जब्त मसरुका में नकदी, सोना चांदी, अवैध शराब व अन्य मादक पदार्थ शामिल हैं। चुनाव आयोग के मुताबिक इन सभी जब्त सामग्रियों एवं नकदी का इस्तेमाल निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया में बाधा डालने और मतदाताओं की खरीद फरोख्त के लिए किया जा सकता था। यहां गौरतलब बात यह भी है कि इस बार जब्त नकदी और मादक पदार्थ आदि की मात्रा एवं कीमत पिछले चुनाव की अपेक्षा बहुत अधिक है। पिछले विधानसभा चुनाव में तकरीबन 75 से 100 करोड़ के बीच नकदी और शराब आदि जब्त हुई थी।

अरबों रुपए की नकदी और शराब पकड़ी

इस बार के विधानसभा चुनाव में न केवल शराब की खेप दर खेप खपाने की चहुंओर कोशिशें चल रही हैं, बल्कि पैसे से वोट खरीदने का मिजाज भी मस्ती पर है। अब तक हुई कार्रवाइयों के आंकड़े बताते हैं कि पिछले चुनाव की तुलना में यह चार गुनी ज्यादा रफ्तार पर है। उधर, आलम यह भी है कि इन तमाम कार्रवाइयों में किसी राजनीतिक दल या प्रत्याशी की संलिप्तता सामने नहीं आई है।

आचार संहिता लागू होने के बाद से अब तक 39 करोड़ 15 लाख 88 हजार 874 रुपये नकद, 63 करोड़ 84 लाख 6 हजार से अधिक राशि की अवैध शराब ही जब्त की जा चुकी है। जबकि 92 करोड़ 76 लाख 36 हजार रूपए से अधिक का सोना चांदी और 17 करोड़ 8 लाख 36 हजार रुपए से ज्यादा के अन्य मादक पदार्थों की जब्ती की गई है। इसके साथ ही 1 अरब 22 करोड़ 91 लाख 94 हजार रूपए से अधिक के वाहन एवं अवैध हथियार भी जब्त किए गए हैं।इन आंकड़ों के हिसाब से कुल 3 अरब 35 करोड़ 76 लाख 36 हजार रुपए से अधिक की नकदी, अवैध शराब, सोना चांदी, अवैध हथियार, मादक पदार्थ एवं इन सबके परिवहन के लिए इस्तेमाल किए गए वाहन जब्त किए गए हैं। जबकि पिछले चुनाव में आचार संहिता के दौरान 75 से 100 करोड़ रुपये के बीच शराब, नकदी सहित अन्य सामग्रियों की जब्ती हुई थी, जबकि इस बार यह आंकड़ा पिछली बार की तुलना में चार गुना से अधिक पहुंच गया है।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन का कहना कि नौ अक्टूबर से अब तक 335 करोड़ 76 लाख 36 हजार 94 रुपये की जब्ती की कार्रवाई की गई है। इसमें 33 लाख लीटर से अधिक अवैध शराब सहित अन्य सामग्रियां शामिल हैं। सी विजल एप पर लगभग 10 हजार से अधिक शिकायतें आ चुकी हैं। इन पर त्वरित कार्रवाई भी हो रही है।

बहुत कुछ कह रही है जब्त नकदी और शराब

प्रदेश में पुलिस और आबकारी विभाग सक्रिय है। आचार संहिता लगने के बाद टीमें लगातार ढाबों, होटलों रेस्टोरेंट पर छापे मार रही हैं। हालांकि, सख्ती से शराब तस्करों में हड़कंप जरूर मचा हुआ है, मगर नशे की धार पर अंकुश लग गया हो, यह कतई नहीं कहा जा सकता। मध्य प्रदेश कई राज्यों की सीमाओं से जुड़ा हुआ है तो सीमा पर बनाई चौकियों पर नकदी, शराब, सोना-चांदी को पकड़ने की कार्रवाइयां भी अधिक हो रही हैं। देखने में आ रहा है कि एफएसटी और एसएसटी की टीमों ने अब तक राजनेता या उनके समर्थकों के खिलाफ एक भी कार्रवाई नहीं की है। व्यापारी, कारोबारी और उनके नुमाइंदे ही पकड़े जा रहे हैं। यदि जब्त सामग्रियों एवं नकदी को कारोबारियों से पकड़ा गया है तो निश्चित रूप से उनके पास इस सबका हिसाब किताब भी होना चाहिए और नहीं है तो यह भी पता चलना चाहिए कि यह नकदी, शराब आदि किन राजनेतिक पार्टियों के नेताओं के कहने पर और किसके द्वारा पहुंचाई जा रही थी।

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