नईदिल्ली
नीट पेपर लीक कांड चर्चा में बना हुआ है. बिहार में इसकी जांच चल रही है. इस मामले में मंगलवार को कुछ आरोपियों से पूछताछ की गई, जिस दौरान कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए. एक अहम खुलासा ये हुआ कि आरोपी जिस होटल में ठहरे थे, वहां के रजिस्टर में एक आरोपी ने अपने नाम के आगे मंत्री जी लिखवाया था.
इस पेपर लीक कांड में पटना जेल भेजे गए अभ्यर्थी कुबूल कर चुके हैं कि उन्हें नीट परीक्षा से चार घंटे पहले प्रश्नपत्र और उसका उत्तर मिल गया था. इसके बाद इसका प्रिंट आउट लिया गया और पांच मई को सुबह 10 बजे इन्हें रटाना शुरू किया गया.
बिहार का ये मंत्रीजी कौन है?
पेपर लीक मामले में अनुराग यादव नाम के अभ्यर्थी को भी गिरफ्तार किया गया है. इस बात की पुष्टि हुई है कि यादव पटना के NHAI गेस्ट हाउस में ठहरा था. दावा है कि उसे NHAI के गेस्ट हाउस में इसलिए ठहराया गया था, ताकि उसे बाद में तय जगह ले जाकर नीट के लीक हुए पेपर से सवाल दिखाकर जवाब रटाया जा सके. लेकिन सबसे बड़ी बात ये है कि आरोपी का ये कमरा किसी मंत्री जी के जरिए बुक किया गया था.
नीट पेपर लीक मामले के मास्टरमाइंड सिकंदर यादवेंदु ने कुबूल किया है कि उसकी मुलाकात अमित आनंद से हुई थी. यादवेंदु का कहना है कि अमित ने बताया कि वो नीट-BPSC-UPSE की परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक करके बच्चों को याद करवाकर पास करवाता है. इसके लिए 30-32 लाख रुपये लगते हैं.
मास्टरमाइंड सिकंदर यादवेंदु की तरह आरोपी अभ्यर्थी भी कुबूल कर चुके हैं कि उन्हें परीक्षा से पहले प्रशनपत्र मिला था. इस आधार पर पुलिस पेपर लीक का केस दर्ज कर चुकी है. लेकिन सवाल ये है कि आरोपी अभ्यर्थी के लिए NHAI गेस्ट हाउस में कमरा कौन से मंत्रीजी के कहने पर बुक करवाया गया?
आठ जुलाई को है अब सुनवाई
अब आठ जुलाई को इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में होगी. लेकिन सवाल है कि आखिर सुप्रीम कोर्ट को क्यों ये कहना पड़ा है कि अगर सिस्टम में 0.01 प्रतिशत भी किसी की खामी पाई गई तो हम उससे सख्ती से निपटेंगे. सिस्टम में कितनी खामी है, उसकी अंदाजा आपको पटना पेपर लीक में मामले में NTA के टालने वाले रवैये से लगेगा, जिसने 28 दिनों तक बिहार आर्थिक अपराध शाखा को लीक हुए प्रश्नपत्र की मूल प्रति नहीं भेजी.
बता दें कि नीट परीक्षा के वक्त ही बिहार पुलिस को पेपर लीक की खबर मिली थी. बिहार पुलिस ने चार अभ्यर्थी समेत 13 लोगों को गिरफ्तार किया हैं. जांच के दौरान कुछ प्रश्नपत्र के जले हुए टुकड़े मिले थे. ये कहा गया कि जले हए पेपर के टुकड़े उसी प्रश्नपत्र के थे, जिसे नीट परीक्षा में आना था. इस बीच इस मामले की जांच बिहार पुलिस से आर्थिक अपराध शाखा को सौंप दी गई और NTA से असली प्रश्नपत्र मुहैया कराने को कहा गया ताकि जले पेपर से एफएसएळ जांच कराई जा सके.
पटना में पेपर लीक की जांच कर रही ईओयू की टीम ने 21 मई को ही एनटीए से मूल प्रश्न पत्र मुहैया करवाने को कहा था. लेकिन 28 दिन गुजर जाने के बावजूद अब तक एनटीए ने यह मूल प्रश्नपत्र मुहैया नहीं कराया है. इस रवैये के बाद ईओयू की जांच टीम ने खुद दिल्ली जाकर मिलान करने का फैसला किया है.