Negligence is being done in ration shops, ration is not received on time, information is not given.
Negligence is being done in ration shops, ration is not received on time, information is not given.

राशन दुकानों में की जा रही लापरवाही समय से नहीं मिलता राशन नहीं दी जाती जानकारी


Negligence is being done in ration shops, ration is not received on time, information is not given.

कटनी । ढीमडखेडा राशन दुकानों में लापरवाही की जा रही है जिससे लोग परेशान हैं ऐसा ही एक मामला बांध की उचित मूल्य दुकान से संबंधित है, जहां अगस्त माह में अनेकों हितग्राहियों को उनका निर्धारित राशन नहीं मिला।

बांध उचित मूल्य दुकान में अनियमितता और लापरवाही

बांध में स्थित उचित मूल्य दुकान के जिम्मेदार समूह द्वारा अगस्त माह का राशन वितरण सही तरीके से नहीं किया गया। कई हितग्राही हरिओम पटैल, ब्रजकिशोर, शिवम पटैल, राजेश पाल, भूरा सिंह, सुंदर लाल पटैल, ज्ञान राम पटैल, और गणेश प्रसाद त्रिपाठी ने आरोप लगाया है कि राशन वितरण में घोर लापरवाही बरती जा रही है। हितग्राहियों ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने समूह के जिम्मेदारों से पूछा कि किस माह का राशन उपलब्ध है, तो उन्हें सही जानकारी देने से मना कर दिया गया। इससे यह स्पष्ट होता है कि समूह के अंदर कुछ न कुछ अनियमितता चल रही है। हितग्राहियों के अनुसार, समूह के द्वारा वितरण में पारदर्शिता की कमी है और राशन वितरण में अनुचित व्यवहार हो रहा है।

हितग्राहियों की शिकायत और उनकी मुहिम

हितग्राही हरिओम पटैल, ब्रजकिशोर, शिवम पटैल, राजेश पाल, भूरा सिंह, सुंदर लाल पटैल, ज्ञान राम पटैल, और गणेश प्रसाद त्रिपाठी ने इस अन्याय के खिलाफ मुहिम छेड़ दी है। उनका कहना है कि उन्हें न्याय चाहिए और इस मामले की जांच निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ की जानी चाहिए। वे यह भी मांग कर रहे हैं कि जांच किसी भी प्रकार के कमीशन या लेन-देन के आधार पर निपटाने के बजाय निष्पक्ष तरीके से की जाए।

लापरवाही और भ्रष्टाचार के आरोप

हितग्राहियों का कहना है कि यह मामला केवल लापरवाही का नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार का भी है। वे आरोप लगाते हैं कि राशन वितरण प्रक्रिया में जानबूझकर देरी की जा रही है और संभवतः राशन का गबन किया जा रहा है। ऐसी स्थितियों में, गरीबों के हक का राशन कुछ प्रभावशाली लोगों के हाथों में चला जाता है, जबकि जरूरतमंद लोग अपने अधिकारों से वंचित रह जाते हैं। हितग्राही हरिओम पटैल और अन्य ने इस बात पर जोर दिया है कि उन्हें न्याय चाहिए।

उनका कहना है कि जो राशन सरकार गरीबों के लिए देती है, उसका गबन करना किसी भी दृष्टिकोण से न्यायसंगत नहीं है। इन हितग्राहियों ने यह भी कहा है कि अगर निष्पक्ष जांच की जाती है, तो इस भ्रष्टाचार का खुलासा होगा और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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